आज UP मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम मामले में SC करेगा सुनवाई, मुलायम सरकार में बना था अधिनियम

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें इस अधिनियम को रद्द...

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें इस अधिनियम को रद्द कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ इस मामले पर सुनवाई करेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस अधिनियम को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के ख़िलाफ़ बताया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य को धार्मिक शिक्षा के लिए बोर्ड बनाने का अधिकार नहीं है. साथ ही, राज्य सरकार को मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को सामान्य स्कूलिंग सिस्टम में शामिल करने का आदेश दिया था.

मुलायम सिंह यादव की सरकार में बना था अधिनियम

आपको बता दें कि मदरसा शिक्षा का यह अधिनियम वर्ष 2004 में मुलायम सिंह यादव की सरकार में बना था। यह ऐसा कानून है जिससे प्रदेश के मदरसों का संचालन होता है। मानक पूरा करने वाले मदरसों को मदरसा बोर्ड मान्यता देता है। बोर्ड मदरसों को पाठ्यक्रम, शिक्षण सामग्री और शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी दिशा-निर्देश प्रदान करता है। प्रदेश में इस समय प्राइमरी व जूनियर स्तर के 11057, हाईस्कूल स्तर के 4394 व सरकार से अनुदान पाने वाले 560 मदरसे हैं। मदरसों में 13.57 लाख बच्चे पढ़ते हैं।

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