पूर्वांचल में बाहुबलियों के नक्शे कदम पर रेलवे के अधिकारी, ठेकेदारों से जमकर वसूली जा रही है रंगदारी !

उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल में रेलवे के ठेके और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने का बाहुबलियों के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र माना जाता था। पूर्वांचल के बाहुबली माफिया कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी हो या मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, धनंजय सिंह का नाम भी रेलवे का टेंडर लेने और रेलवे के ठेकेदारों से वसूली किए जाने में नाम समय समय पर आते रहे। बाहुबलियों के राजनीति में आने के बाद अब यह ट्रेंड कुछ बदलता नजर आ रहा है।

वाराणसी : उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल में रेलवे के ठेके और ठेकेदारों से रंगदारी वसूलने का बाहुबलियों के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र माना जाता था। पूर्वांचल के बाहुबली माफिया कहे जाने वाले हरिशंकर तिवारी हो या मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, धनंजय सिंह का नाम भी रेलवे का टेंडर लेने और रेलवे के ठेकेदारों से वसूली किए जाने में नाम समय समय पर आते रहे। बाहुबलियों के राजनीति में आने के बाद अब यह ट्रेंड कुछ बदलता नजर आ रहा है। पहले जो बाहुबली अधिकारी और राजनेताओं को मैनेज करने के नाम पर ठेकेदारों से वसूली करते थे, अब अधिकारी सत्ता का भय दिखाकर ठेकेदारों से वसूली करने में जुट गए है।

इसका खुलासा बीते दिनों पूर्वोत्तर रेलवे के एक अधिकारी के ऑफिस में सीबीआई के छापेमारी से हुआ। सीबीआई ने छापेमारी कर पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के प्रबंध कार्यालय में तैनात सीनियर डीईएन सत्यम कुमार पटेल को हिरासत में लिया। सत्यम कुमार पटेल का रुतबा देख अधिकारी भी काफी हैरान रहे। सूत्रों के अनुसार सत्यम कुमार के खिलाफ सीबीआई को एक रेलवे के ठेकेदार ने ट्रैक बिछाने के 4 करोड़ रुपए ठेके का बिल पास करने के एवज में 2 लाख रूपए का घूस (रंगदारी) मांग रहा था। शिकायत पर सीबीआई ने छापेमारी कर सत्यम कुमार पटेल के खिलाफ कई अहम साबूत इकट्ठा किए है। वही मिली जानकारी के अनुसार सत्यम कुमार पटेल के इस प्रकार की वसूली और घूस में कई अधिकारी और करीबियों के नाम भी सामने आए है।

रेलवे के ठेके और रंगदारी के लिए होता था वर्चस्व की लड़ाई, बाहुबलियों के बीच होता था टकराव

पूर्वांचल में रेलवे के ठेके और रंगदारी को लेकर भारत समाचार ने वाराणसी के सीनियर जर्नलिस्ट पवन सिंह से बात किया। पवन सिंह ने बताया कि पूर्वांचल में बाहुबलियों की खेती ही रेलवे की ठेकेदारी और वहां से रंगदारी वसूलने से हुई है। लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक रेलवे के ठेके और ठेकेदारों से रंगदारी की वसूली बाहुबली अधिकारियों और राजनेता को मैनेज करने के लिए किया जाता रहा है।

रेलवे की ठेकेदारी और रंगदारी की वसूली में लखनऊ से वाराणसी, चंदौली और गोरखपुर में बाहुबलियों के बीच जो वर्चस्व की लड़ाई होती थी। समय के बदलने के साथ ही सिस्टम बदल गया है। अब बाहुबलियों की जगह ठेकेदारों को संरक्षण देने के लिए खुद अधिकारी ही वसूली में लग गए है। सीनियर क्राइम जर्नलिस्ट पवन सिंह की माने तो पहले जो ट्रेंड बाहुबली ऊपर (सत्ता) पैसा पहुंचने के नाम पर लेते थे, अब अधिकारी उस ट्रेंड को अपना लिए है। अधिकारी पैसा किसे देते है या अपने पास रखते है, यह जांच का विषय है, लेकिन अधिकारियों में पैसा लेने का ट्रेंड पूरी तरह बाहुबलियों वाली हो गई है। वाराणसी के लहरतारा स्थित पूर्वोत्तर रेलवे में हुए सीबीआई के छापे से पूरे रेलवे महकमे में हड़कंप है।

हालांकि जानकारों के अनुसार सीबीआई का यह छापा वाराणसी रेलवे ऑफिस में पहली बार नहीं बल्कि कई बार हो चुका है, लेकिन अब तक कोई भी बड़ी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। ऐसे में ट्रैक बिछाने के ठेके के बिल पास करने को लेकर 2 लाख की घूस मांगने के आरोपी सत्यम कुमार पटेल पर सीबीआई कितना शिकंजा कसती है और आगे किन अधिकारी और ठेकेदारों का नाम सामने आता है, उसका सभी को इंतजार है।

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