स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के प्रति बढ़ती जागरूकता, यात्रियों के बीच वेलनेस टूरिज्म बना बड़ा ट्रेंड…

भारत इस क्षेत्र में एक प्रमुख गंतव्य बनकर उभरा है, क्योंकि यहां प्राचीन उपचार पद्धतियों का वास्तविक और किफायती अनुभव प्राप्त होता है।

आजकल यात्रा सिर्फ मनोरंजन या साईटसीइंग के लिए नहीं बल्कि लोग अपनी सेहत और तंदुरुस्ती को ध्यान में रखते हुए कर रहे हैं। यह बदलाव खासतौर पर महामारी के बाद देखा गया है, जब लोग अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने, तनाव को कम करने और अपनी सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए समग्र उपचार अनुभवों की तलाश में हैं। इस बदलाव में भारत अग्रणी बनकर उभरा है, जो अपनी प्राचीन आयुर्वेद, योग, और नेचुरोपैथी के लिए देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। सरकार ने भी “हील इन इंडिया” जैसी योजनाओं और वेलनेस फोकस्ड टूरिज़्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन संरचना में निवेश करना शुरू कर दिया है।

मध्यम वर्ग में वेलनेस टूरिज्म की बढ़ती लोकप्रियता

भारत में वेलनेस टूरिज्म पहले केवल अमीर वर्ग तक सीमित था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे मध्य वर्ग के बीच भी लोकप्रिय हो रहा है। आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और समग्र उपचार की बढ़ती जागरूकता ने लोगों को सेहत के प्रति सजग बना दिया है। अब कई स्वास्थ्य-conscious भारतीय प्रतिवर्ष दो से तीन हफ्ते खुद की देखभाल में बिताते हैं, और ऐसे रिसॉर्ट्स में जाते हैं जो न सिर्फ आराम प्रदान करते हैं बल्कि पुरानी बीमारियों, मेटाबोलिक डिसऑर्डर्स और तनाव से संबंधित समस्याओं के लिए उपचार भी प्रदान करते हैं। यह ट्रेंड दीर्घकालिक स्वास्थ्य और जीवनकाल पर अधिक जोर देने का प्रतीक है।

भारत में वेलनेस टूरिज्म का तेजी से विकास

भारत के वेलनेस टूरिज्म उद्योग में महत्वपूर्ण वृद्धि हो रही है, जो 2024 में 19.43 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन कर रहा है और 2031 तक 29.88 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। वैश्विक स्तर पर भी वेलनेस टूरिज्म का विस्तार हो रहा है और इसे 2024 में 895.09 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2025 में 978.14 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत इस क्षेत्र में एक प्रमुख गंतव्य बनकर उभरा है, क्योंकि यहां प्राचीन उपचार पद्धतियों का वास्तविक और किफायती अनुभव प्राप्त होता है।

आयुर्वेद और वेलनेस उपचार में बढ़ती रुचि

भारत में विदेशी पर्यटक आयुर्वेदिक और योग उपचार के लिए लंबे समय से आकर्षित होते आए हैं, और अब उनकी रुचि preventive और restorative उपचारों के कारण बढ़ी है। सरकार ने आयुष वीजा जैसी योजनाओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आयुर्वेद और वेलनेस उपचार प्राप्त करने में आसानी प्रदान की है।

आयुर्वेद: मानसिक, शारीरिक और आत्मिक तंदुरुस्ती के लिए एक आदर्श उपचार

“हम देख रहे हैं कि अब आयुर्वेद को सिर्फ शारीरिक बीमारियों के इलाज के लिए नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती के लिए एक प्रभावी समाधान के रूप में देखा जा रहा है। विशेषकर उच्च मध्यवर्गीय भारतीय आयुर्वेद को वेलनेस रिट्रीट्स के साथ जोड़कर इसका लाभ उठा रहे हैं,” कहते हैं डॉ. सोमित कुमार, आयुर्वेदाचार्य और AVP रिसर्च फाउंडेशन के निदेशक।

निष्कर्ष: भारत की वेलनेस टूरिज्म यात्रा में बदलाव

वेलनेस टूरिज्म भारत में एक मजबूत ट्रेंड के रूप में उभर रहा है, जो न केवल भारतीयों के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए भी एक आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है। आयुर्वेद और समग्र उपचार पद्धतियों की बढ़ती लोकप्रियता यह संकेत देती है कि वेलनेस टूरिज्म भविष्य में एक महत्वपूर्ण यात्रा ट्रेंड बनने वाला है।

सबसे प्रमुख उपचारों में शामिल हैं:

  • आयुर्वेद
  • नेचुरोपैथी
  • योग
  • पंचकर्म
  • तनाव प्रबंधन

भारत में वेलनेस टूरिज्म की भविष्यवाणी

भारत के वेलनेस टूरिज्म क्षेत्र में भविष्य में और भी अधिक वृद्धि होने की संभावना है, जो देश को एक वैश्विक वेलनेस हब बनाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाएगा।

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