ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा कूटनीतिक कदम, सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की ब्रीफिंग के लिए 25 देशों को कैसे चुना

ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर भारत की एकजुट आवाज बुलंद करने के...

नई दिल्ली — ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर भारत की एकजुट आवाज बुलंद करने के लिए एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया है। 23 मई से सात सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल विश्व की प्रमुख राजधानियों का दौरा शुरू करेंगे। इन प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य भारत की ओर से एक सशक्त और एकजुट रुख प्रस्तुत करना है।

कुल 51 राजनीतिक नेता, जिनमें सभी दलों के सांसद, पूर्व मंत्री और 8 पूर्व राजदूत शामिल हैं, अगले 10 दिनों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य 15 देशों समेत कुल 25 प्रभावशाली देशों का दौरा करेंगे।

यह मिशन शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद, संजय कुमार झा, बैजयंत पांडा, कनिमोझी करुणानिधि, सुप्रिया सुले और श्रीकांत एकनाथ शिंदे जैसे वरिष्ठ सांसदों के नेतृत्व में चलाया जाएगा। इस अभियान का समन्वय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू कर रहे हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को सांसदों को जानकारी देते हुए बताया कि “हम UNSC के सभी सदस्य देशों में जा रहे हैं, साथ ही उन देशों में भी जो आने वाले समय में सुरक्षा परिषद के सदस्य बनेंगे।”

भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, “पाकिस्तान अगले 17 महीनों तक UNSC का सदस्य रहेगा और मंच का दुरुपयोग कर भारत विरोधी प्रचार करेगा। ऐसे में इन देशों में जाकर भारत की स्थिति स्पष्ट करना जरूरी हो गया है।”

सरकार का यह प्रयास आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति को वैश्विक स्तर पर उजागर करने के लिए है। पीएम मोदी के नेतृत्व में यह संदेश दिया जा रहा है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा।

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