
ओडिसा के बालासोर ज़िले में भीषण रेल हादसे की वारदात सामने आयी है, जिसमे की लगभग अबतक 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं और 288 लोगों की मौत हुई है, ऐसे में प्रश्न यह उठता है की क्या भारत की अपनी स्वदेशी Anti Collison Device इस दर्दनाक हादसे को टाल सकती थी ?
आपको बता दे की एसीडी नेटवर्क राजाराम बोज्जी द्वारा आविष्कृत और भारत सरकार के रेल मंत्रालय के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा पेटेंट की गई एक ट्रेन-टक्कर रोकथाम प्रणाली है। अभी तक के संक्षिप्त परीक्षण के बाद दक्षिण रेलवे जोन में टक्कर रोधी उपकरण प्रभावी पाए गए। लेकिन इस सुरक्षा उपकरण को अबतक सम्पूर्ण भारत के रेलवे नेटवर्क में स्थापित करना बाकी है।
भारतीय रेलवे 2023 में 2,000 किमी रेल रूट नेटवर्क पर कवच स्थापित करने की योजना है और इसके बाद हर साल 4,000-5,000 से अधिक रेल रूट नेटवर्क स्थापित करने की योजना है। फिलहाल कवच को सफल ट्रायल रन के बाद 1,098 किमी रूट और दक्षिण मध्य रेलवे के तहत चलने वाली 65 ट्रेनों में तैनात किया गया है।