देशभर में रोजगार सृजन कर रहे अडानी समूह के बंदरगाह, अडानी कौशल विकास केंद्र बदल रहे लोगों की जिंदगियां

अडानी समूह के बंदरगाह सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि देश भर में रोजगार पैदा कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा जिले के एकडाला से आने वाले, कक्षा 10 स्नातक चिरंजीत बाउरी वर्तमान में कृष्णपट्टनम बंदरगाह क्षेत्र में सिविल पर्यवेक्षक के रूप में भू संरचनाओं में काम कर रहे हैं और एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं.

आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के मुथुकुर मधुरा नगर निवासी उदय कुमार जीवन के एक ऐसे मोड़ पर थे जहां उन्हें अपने भविष्य के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वो दिशाहीन थे. उन पर अपने परिवार की देखभाल करने की बड़ी जिम्मेदारी थी और उनके पास जीवन का कोई लक्ष्य नहीं था. इसी बीच उन्होंने मैरीटाइम ऑपरेशंस में एक कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा किया और आज कृष्णापटनम बंदरगाह पर एक कार्यकारी के रूप में काम करते हैं. अब उनका जीवन बदल चुका है. आज वो एक बेहद खुशहाल जीवन जी रहे हैं.

अपने इस सफर के बारे में बताते हुए उदय कहते हैं कि “कृष्णापट्टनम में अडानी कौशल विकास केंद्र (ASDC) से अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, मेरे अंदर एक आत्म विश्वास विकसित हुआ. मुझे अपने स्कील पर बहुत भरोसा था और मैंने विभिन्न बंदरगाहों के बारे में जानकारीयां इकठ्ठा करना शुरु कर दिया. इसके अलावा मैनें नौकरियों के लिए भी आवेदन करना शुरु कर दिया. इसी कड़ी में मुझे आंध्र प्रदेश के अडानी कृष्णापट्नम पोर्ट से कॉल आया और एक साक्षात्कार के बाद, मुझे 14,000 रुपये के मासिक वेतन पर नौकरी के लिए चुना गया.”

उदय उन कई लोगों में से एक हैं, जिन्हें अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) द्वारा संचालित बंदरगाहों से काफी फायदा हुआ है. उनके द्वारा बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन किया जा रहा है. इसके अलावा इसके पीछे की कहानियां बेहद प्रेरणादायक है.

उदय के अलावा एक अन्य लाभार्थी के संघर्षों की कहानी भी बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक हैं. उदय के इलाके से ताल्लुक रखने वाले एक अन्य लाभार्थी वेंकटरमणैया हैं. कंटेनर ऑपरेशंस में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद, वह अब फ्यूचर जेड कंपनी के साथ एक कंटेनर ऑपरेशन एक्जीक्यूटिव है. वेंकटरमणैया आज कंटेनर टर्मिनल ऑपरेशंस, समझने, कंटेनर हैंडलिंग उपकरण आदि में निपुणता के साथ काम कर रहे हैं.

ओडिशा के धामरा निवासी 20 वर्षीय लिटुन बारिक धामरा बंदरगाह क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप कर्मचारी बनने से पहले एक किसान थे. आज वो प्रति माह 8,000 रुपये कमाते हैं, जो कि एक किसान के रूप में उनकी कमाई की तुलना में काफी अधिक है.

ये जॉब जेनरेटर बनने की पोर्ट की क्षमता के उदाहरण हैं. पत्तन अवसंरचना निवेश स्थानीय आर्थिक और सामाजिक विकास के माध्यम से पत्तन क्षेत्रों को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. बंदरगाह क्षेत्रों में नौवहन, कार्गो और औद्योगिक गतिविधियों और सेवाओं से प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होता है जो आसपास के क्षेत्रों के ईको सिस्टम को बदलता है और स्थानीय लोगों जीवन जीने की स्थिति में सुधार करता है.

गुजरात के गांधीधाम निवासी नागदा सचिन की जिंदगी, मुंद्रा इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (MICT) में जूनियर क्रेन ऑपरेटर के रूप में नौकरी मिलने के बाद पूरी तरह बदल गई. मुंद्रा बंदरगाह पर जूनियर क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम करने वाले रमेश वलजी चंदे कहते हैं कि “अपने पाठ्यक्रम के दौरान मैंने आरटीजीएस सिम्युलेटेड मशीन के जरिए बहुत कुछ सीखा. यह एक बेहद अद्भुत अनुभव था.”

उन्होंने कहा कि “यह एक बेहद सहज प्रशिक्षण प्रक्रिया थी, जिससे मुझे अपने काम को अच्छी तरह समझने में मदद मिली.” बंदरगाह पर नौकरी के विकल्प उपलब्ध होने के कारण, मुंद्रा बंदरगाह पर एक चेकर के रूप में काम करने वाले रमेश वलजी चंदे अंततः एक अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के बाद एमआईसीटी में जूनियर क्रेन ऑपरेटर के रूप में काम करने लगे.

नेल्लोर जिले के मोगल्लूर गांव से कक्षा 10 की पढ़ाई छोड़ चुके 30 वर्षीय मोदीबोना किरण कुमार अब एक अच्छा जीवन जी रहे हैं. वह कृष्णापट्टनम पोर्ट में मैसर्स श्री मारुति नंदन कंपनी में एचएमवी ड्राइवर के रूप में काम कर रहे हैं.

नेल्लोर जिले के एक छोटे से शहर मारीपाडू के रहने वाले अकील के पास औपचारिक शिक्षा की डिग्री नहीं होने के कारण नौकरी नहीं मिल सकती थी. उन्होंने कृष्णापटनम में ASDC में सुरक्षा गार्ड पाठ्यक्रम में दाखिला लिया और चार सप्ताह के प्रशिक्षण के ठीक बाद, उन्हें अडानी कृष्णापट्टनम पोर्ट लिमिटेड में MSF सिक्योरिटी के साथ नौकरी मिल गई. अब वह 18,976 रुपये का मासिक वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

अडानी समूह के बंदरगाह सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि देश भर में रोजगार पैदा कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में बांकुड़ा जिले के एकडाला से आने वाले, कक्षा 10 स्नातक चिरंजीत बाउरी वर्तमान में कृष्णपट्टनम बंदरगाह क्षेत्र में सिविल पर्यवेक्षक के रूप में भू संरचनाओं में काम कर रहे हैं और एक खुशहाल जीवन जी रहे हैं.

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