Adani Transmission: सीएपी 2.0° ओरिएंटेड को किया अपने नाम, ऊर्जा, माइनिंग कैटेगरी में जीता अवार्ड

अडानी ट्रांसमिशन ने क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम ओरिएंटेड अवार्ड अपने नाम कर लिया है। एटीएल ने यह अवार्ड, ऊर्जा, माइनिंग और हैवी मैन्युफेक्चरिंग कैटेगरी में जीता है।

अडानी ट्रांसमिशन ने क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम ओरिएंटेड अवार्ड अपने नाम कर लिया है। एटीएल ने यह अवार्ड, ऊर्जा, माइनिंग और हैवी मैन्युफेक्चरिंग कैटेगरी में जीता है। भारत की सबसे बड़ी निजी बिजली वितरण कंपनी और विविध अडानी समूह की ट्रांसमिशन शाखा, अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल), ने ऊर्जा, माइनिंग और हैवी मैन्युफेक्चरिंग कैटेगरी में कॉन्फेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) का क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम (सीएपी) 2.0° ओरिएंटेड अवार्ड जीता है।

यह देखते हुए कि सीएपी 2.0° का उद्देश्य इंडस्ट्रीज को क्लाइमेट रिस्क कम करने में मदद करना और क्लाइमेट के प्रति लचीला बनने के लिए, मार्केट के अवसरों का पता लगाना है। कैप (सीएपी) 2.0° अवार्ड्स को क्लाइमेट मैच्योरिटी मॉडल और यूरोपियन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट मॉडल (ईएफक्यूएम) पर तैयार किया गया है, जो कंपनियों का क्लाइमेट चेंज के खिलाफ, बिजनेस प्रूफिंग के लिए उनकी तैयारियों का आकलन करते हैं।

अडानी ट्रांसमिशन को यह अवार्ड ‘ओरिएंटेड’ कैटेगरी के तहत मिला है। यह पुष्टि करता है कि कंपनी की रणनीति, क्लाइमेट चेंज के मुद्दों और प्रभावों के साथ जुड़ी हुई है, कंपनी के इंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट (ईआरएम) में क्लाइमेट रिस्क को शामिल किया गया है, इस क्लाइमेट से जुड़े पोर्टफोलियो को काबिल व्यक्ति संभाल रहे हैं और संगठन ने क्लाइमेट चेंज से मुकाबले करने के लिए भविष्य के जीएचजी एमिशन की कमी के लक्ष्यों को अपनाया है। एटीएल को नई दिल्ली के फोरम में नेचुरल रिसोर्सेज और क्लाइमेट चेंज नीति आयोग के सलाहकार अविनाश मिश्रा के हाथों सीएपी 2.0° अवार्ड प्राप्त हुआ।

एटीएल के एमडी और सीईओ अनिल सरदाना ने कहा, “सीएपी 2.0° अवार्ड, क्लाइमेट चेंज मिटिगेशन और सस्टेनेबिलिटी पर एक क्लियर फोकस के जरिए प्रोडक्टिविटी और कार्य क्षमता में सुधार के लिए एक उत्साहजनक और जिम्मेदारी भरी मान्यता है। नेट जीरो, जीरो वेस्ट टू लैंडफिल (ज़ेडब्ल्यूएल) और सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री (एसयूपी) बनने के साथ-साथ उन्हें प्राप्त करने के लिए केंद्रित प्रयासों में शामिल सीआईआई-सीएपी 2.0° अवार्ड, एक सस्टनेबल भविष्य के लिए क्लाइमेट चेंज मिटिगेशन के लिए हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। एटीएल हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन-क्लास सस्टेनेबिलिटी-प्रैक्टिस में खुद को बेंचमार्क करने का प्रयास करता है और वर्ल्ड-क्लास इंटीग्रेटेड यूटिलिटी के रूप में उभरने का इरादा रखता है।

एटीएल के लॉन्ग-टर्म पर्यावरण-सामाजिक-शासन (ईएसजी) प्रतिबद्धता, वर्तमान परिदृश्य में सबसे प्रभावी काउंटर-रिस्पॉन्स के रूप में उभरी है। इसके अतिरिक्त, एटीएल ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप अपने लक्ष्यों को भी परिभाषित किया है। इनमें से क्लाइमेट एक्शन के लिए एसडीजी-13 प्रमुख है। जीएचजी एमिशन को कम करने के लिए कंपनी का लक्ष्य, भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अनुरूप है। क्लाइमेट चेंज के प्रति एटीएल की प्रतिबद्धता पहले से ही इसकी कार्रवाई की ओर अग्रसर, ईएसजी रणनीति द्वारा प्रकट की गई है, जिसके परिणामस्वरूप इसके राजस्व की प्रति यूनिट जीएचजी में कमी आई है।

एटीएल ने आईपीसीसी के आरसीपी 4.5 (मीडियम एमिशन) का उपयोग करते हुए क्लाइमेट सिनेरियो-बेस्ड विश्लेषण भी किया है ताकि इसके संचालन और संबंधित प्रोजेक्ट साइट पर क्लाइमेट रिस्क और प्रभाव का आकलन किया जा सके। वित्त वर्ष 2021-22 में, एटीएल ने नेट-जीरो और एसबीटीआई 1.5 डिग्री सेल्सियस ट्राजेक्टरी के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। भारत की क्लाइमेट वचनबद्धता के साथ जुड़े हुए, क्लाइमेट लक्ष्यों के माध्यम से, एटीएल का उद्देश्य, वित्त वर्ष 2022-23 तक इलेक्ट्रिक यूटिलिटी सेक्टर के ईएसजी बेंचमार्किंग के लिए भारत में शीर्ष -5 कंपनियों में शामिल होना है, ताकि एटीएल-अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड (एईएमएल) द्वारा 2027 तक, कुल बिजली वितरण में 50% रिन्यूएबल्स के लिए सहायक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में तेजी लाई जा सके, इससे 2024-25 तक ओ एंड एम चरण के तहत 100% व्यावसायिक गतिविधियों के लिए जीरो-वेस्ट-टू-लैंडफिल (जेडडब्ल्यूएल) प्रमाणित कंपनी बनने में मदद मिले और 2022-23 तक सिंगल-यूज-प्लास्टिक-फ्री (एसयूपीएफ) प्रमाणित कंपनी बनने और ऐसी कई क्लाइमेट लीडरशिप पहलों को लागू किया जा सके।

सीएपी 2.0° एक मान्यता और क्षमता वृद्धि कार्यक्रम है जिसे सीआईआई, सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (सीईएसडी) द्वारा व्यवसायों के लिए क्लाइमेट के प्रति लचीला बनने के लिए बढ़ावा दिया गया है। सीआईआई क्लाइमेट-मैच्योरिटी मॉडल के आधार पर और बिज़नेस एक्सीलेंस फ्रेमवर्क के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए, सीएपी 2.0° व्यवसायों को क्लाइमेट चेंज से संबंधित जोखिमों और अवसरों का आकलन करने व मिटिगेशन एक्शन्स को उनकी लॉन्ग-टर्म रणनीतियों में एकीकृत करने में मदद करता है। यह उद्योग के क्लाइमेट मिटिगेशन और अनुकूलन पहलों को व्यापक ढंग से सीखने और त्वरित पैमाने को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पहचानने वाला एक बेंचमार्क कार्यक्रम है, जिससे भारत के क्लाइमेट लक्ष्यों में योगदान मिलता है।

अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) अदाणी पोर्टफोलियो की ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन व्यापार शाखा है। एटीएल देश की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन कंपनी है जिसका संयुक्त ट्रांसमिशन नेटवर्क 18,795 सीकेएम है, जिसमें से 15,370 सीकेएम चालू है और 3,425 सीकेएम निर्माण के विभिन्न चरणों में है। एटीएल मुंबई और मुंद्रा एसईजेड के 12 मिलियन+ उपभोक्ताओं की सेवा करने वाला एक डिस्ट्रीब्यूशन बिज़नेस भी संचालित करता है। आने वाले वर्षों में भारत की ऊर्जा आवश्यकता चौगुनी होने के साथ, एटीएल एक मजबूत व विश्वसनीय पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है और खुदरा ग्राहकों की सेवा करने तथा 2022 तक ‘सभी के लिए बिजली’ प्राप्त करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

https://www.youtube.com/watch?v=Bi6kqiU4AHE&t=16s

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