इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने 15 न्यायिक अधिकारियों पर विभाग की छवि खराब करने के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है। हाईकोर्ट ने इन 15 न्यायिक अधिकारियों में से 10 अधिकारियों को इनके कार्यकाल पूर्ण करने के पहले ही सेवानिवृत्ति दे दिया है। बता दें कि इन 15 न्यायिक अधिकारियों में 11 अपर जनपद न्यायाधीश (ADJ) और 4 दूसरे जिला न्यायालयों में कार्यरत CJM स्तर के अधिकारी शामिल हैं।
दरअसल, बीते सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ के न्यायिक अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक हुई थी। इसी बैठक में हाईकोर्ट प्रशासन ने यह निर्णय लिया। बताय जा रहा है कि इन सभी 15 न्यायिक अधिकारियों पर उनके खराब आचरण से विभाग की छवि को धूमिल करने का आरोप था, जिसपर कार्रवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट और लखनऊ खंडपीठ की संयुक्त जजों की बैठक ने इन्हे जबरन रिटायर करने का निर्णय लिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की फुल कोर्ट ने इन न्यायिक अधिकारियों के पावर भी सीज कर लिए हैं।
गौरतलब हो कि, संवैधानिक प्रावधान के तहत हाईकोर्ट को यह अधिकारी प्राप्त है कि वही जिला न्यायालयों में कार्यरत न्यायिक अधिकारियों पर नियंत्रण रखने के लिए कोई भी जरुरी निर्णय ले सकता है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 235 उन्हें यह अधिकार देता है। हाईकोर्ट के पूर्ण अदालती बैठक में लिए गए इस फैसले पर अब मात्र राजयपाल कि मुहर लगना बाकी है। इसके बाद है यह निर्णय सभी 15 आरोपी न्यायिक अधिकारियों पर लागू हो जायेगा। इसके लिए राज्य सरकार को संस्तुति भेज दी गयी है।