एक और आशाराम: परमधाम के गुरु चंद्रमोहन पर 4 साल बाद दर्ज हुआ बलात्कार का केस

आशाराम बापू की तरह मेरठ में श्री परमधाम आश्रम की सत्ता खड़ी करने वाले चंद्रमोहन गुरु ने 4 साल पहले अपने शिष्य परिवार की बेटी से बलात्कार किया। वारदात के बाद आश्रम के एक शिष्य से पीड़िता की शादी करवा दी गई। पीड़िता के पति ने वारदात का पता चलने पर चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ आवाज उठाई तो उसे गैंगरेप के फर्जी मुकदमे में वाराणसी पुलिस ने जेल में डाल दिया। 3 साल बाद जेल से छूटे पीड़ित ने अदालत के जरिए वारदात का केस दर्ज कराया है मगर पुलिस की सुस्त कार्रवाई अभी तक इस कथित आध्यात्मिक गुरु को छू भी नहीं पाई है।

2019 में मेरठ के परमधाम आश्रम से जुड़े पल्लवपुरम के एक परिवार ने अपनी बेटी की शादी आश्रम के शिष्य से तय की थी। मेरठ के दौराला थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक शादी से 4 दिन पहले परमधाम के संस्थापक और खुद को आध्यात्मिक मोटीवेटर कहने वाले चंद्रमोहन गुरु ने बेटी के साथ आश्रम में बलात्कार किया।

युवती की शादी के 4 दिन पहले किया बलात्कार-
पीड़ित पक्ष के वकील अश्विनी कुमार पटेल ने बताया की पीड़िता से बलात्कार के पहले आरोपी चंद्रमोहन ने उसे अपने कमरे में लाकर कोई नशीली चीज खिलाई थी। पीड़िता के नशे की हालत में हो जाने पर युवती के साथ बलात्कार किया गया। पीड़िता का परिवार भी कई वर्षों से आश्रम से जुड़ा हुआ था और चंद्रमोहन गुरु को वह भगवान की तरह पूजते थे। बलात्कार के आरोप लगने के बाद पीड़िता के परिवार ने बेटी का साथ देने के बजाय उसका परित्याग कर दिया है।

शादी के बाद जब पीड़िता इस वारदात को लेकर अवसाद में चली गई। तब उसके पति को वारदात का पता चला। पीड़िता ने आपबीती अपने पति को बताई तो चंद्रमोहन गुरु की सत्ता और रसूखों से वाकिफ पीड़िता के पति ने वारदात को कहानी का वीडियो आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर दिया। यह वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करना पीड़िता के पति को बहुत भारी पड़ा।

आवाज उठाई तो पीड़िता के पति पर ताबड़तोड़ केस हुए दर्ज-
पहले तो पीड़िता के पति को दबाने की कोशिश की गई मगर जब यह पता चला कि मामला पुलिस की चौखट तक जा सकता है तो पीड़िता के पति और उसके साथ आए लोगो के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया। अकेले पीड़िता के पति पर मुज़फ़्फ़रनगर और मेरठ में तीन मुकदमे दर्ज कराए गए। इनमें से दो मुकदमे आईटी एक्ट और मानहानि के अपराध से जुड़े हुए थे जिनमें पीड़िता के पति को अंतरिम जमानत मिल गई।

आश्रम के पदाधिकारी की पत्नी ने दर्ज कराया गैंगरेप का केस-
कानून के शिकंजे से पीड़िता के पति को निकलता देख आश्रम के एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने अपनी पत्नी को आगे करके पीड़िता के पति और उसके साथियों के खिलाफ दौराला थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया। हैरत की बात यह थी कि इस मुकदमे की वारदात वाराणसी में होना दिखाया गया था। पीड़िता का पति इस मुकदमे में कुछ कानूनी राहत ले पाता, उससे पहले ही यह केस वाराणसी पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया। वाराणसी पुलिस ने आरोपी चंद्रमोहन गुरु के प्रभाव के चलते पीड़िता के पति को गिरफ्तार किया और जेल में डाल दिया।

रेप पीड़िता के पति को 3 साल बाद मिली जमानत-
इस मामले में पीड़िता के पति को करीब 3 साल बाद जमानत मिल सकी। जेल से रिहा होने के बाद पीड़िता और उसके पति ने चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ 3 साल पहले हुई वारदात का मुकदमा दर्ज कराने के लिए थाने से लेकर मेरठ के एसएसपी और आला अधिकारियों की चौखट तक फरियाद की। लेकिन आरोपी के राजनीतिक रसूखों के चलते पुलिस ने उनकी फरियाद सुनने से ही इनकार कर दिया। तब पीड़िता के पति ने अदालत की शरण ली और सीआरपीसी की धारा 156/3 के तहत अदालत में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराई जाने की प्रार्थना की।

पुलिस ने किया इंकार तो कोर्ट ने दर्ज कराया केस-
अदालत ने सभी बिंदुओं पर अध्ययन करने के बाद इस मामले में दौराला थाना पुलिस को केस दर्ज किए जाने का आदेश किया। अदालत के आदेश के करीब सात दिन बाद जाकर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया है। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता का मजिस्ट्रेट के सामने बयान भी दर्ज कराया गया है। लेकिन अभी तक आरोपी चंद्रमोहन गुरु की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

यूपी-उत्तराखंड की सत्ता के शिखरों से आरोपी के संबध-
चंद्रमोहन गुरु का पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक की सत्ता और सियासत में खासा प्रभाव है। मंत्री और विधायक से लेकर सत्ता के बड़े संतरी उसके दरबार में हाजिरी के लिए टकटकी लगाए खड़े रहते है। आरोपी चंद्रमोहन गुरु के कई राजनीतिक व्यक्तियों के साथ फोटो और वीडियो उनके फेसबुक पर मौजूद हैं। इनमें उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे हरीश रावत, यूपी सरकार में वर्तमान मंत्री और मुजफ्फरनगर के विधायक कपिल देव अग्रवाल, मेरठ कैंट से बीजेपी के विधायक अमित अग्रवाल और भाजपा नेता निर्वाण के फोटो चंद्र मोहन गुरु के साथ देखे जा सकते हैं।

इसी का असर है कि इस केस में मेरठ पुलिस की जांच की स्पीड सौ दिन चले अढ़ाई कोस जितनी है।

परमधाम प्रबंधन ने आरोप किए खारिज-
परमधाम आश्रम के प्रवक्ता अमित कुमार इस मामले को चंद्रमोहन गुरु की छवि बिगाड़ने की साजिश बताते है। उन्होंने बताया कि कथित पीड़िता के पति ने आश्रम और गुरु की प्रतिष्ठा खराब करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और वे बुनियाद आरोप लगाए इसके बाद आरोपी के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए थे। वह एक मामले में बलात्कार का भी आरोपी है। जेल से छूटने के बाद उसने एक बार फिर से आध्यात्मिक गुरु और प्रतिष्ठित आश्रम की छवि धूमिल करने की कोशिश की है। हम इस मामले में पुलिस का सहयोग कर रहे हैं।

केस दर्ज कराने वालों का भी अपराधिक इतिहास-
पीड़िता के पति के खिलाफ दर्ज कराए गए दो मुकदमों के वादी आश्रम के प्रबंधन से जुड़े है। मुजफ्फरनगर में दर्ज मुकदमा भी आश्रम प्रबंधन से जुड़े व्यक्ति ने दर्ज कराया है। इनमें से एक के खिलाफ कई साल पहले हत्या का मुकदमा भी दर्ज हुआ था। आश्रम के इस पदाधिकारी पर अपने ही परिवार के दो लोगों की हत्या का आरोप है।

आरोपी गुरु पहले से गंभीर मुकदमों का आरोपी-
श्री परमधाम आश्रम के चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ भी गंभीर धाराओं के कई मुकदमे पहले से दर्ज हैं। इनमें से एक संगीन धाराओं का मुकदमा मुजफ्फरनगर के भोपा थाने में दर्ज बताया जाता है। चंद्रमोहन के खिलाफ संगीन धाराओं का एक मुकदमा देहरादून में दर्ज है। देहरादून में ही चंद्रमोहन गुरु के खिलाफ धारा 376 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत केस दर्ज है। इस मामले में पुलिस ने कुछ समय पहले फाइनल रिपोर्ट लगाकर कैसे बंद कर दिया था। मगर पीड़िता की अदालत में अर्जी के बाद पुलिस की फाइनल रिपोर्ट अदालत ने अस्वीकार कर दी। वर्तमान में यह मुकदमा अदालत में लंबित है।

तथाकथित धार्मिक और आध्यात्मिक बाबाओं के सियासी प्रभाव का यह कोई नया मामला नहीं है। आसाराम बापू से लेकर राम रहीम तक के मामलों में पीड़िताओं को इंसाफ पाने के लिए पहले सिस्टम के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। चंद्रमोहन गुरु इस लिस्ट का अगला किरदार है। अब यह मेरठ पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह इंसाफ देगी या पहले की तरह पीड़िता की आवाज दबा देगी। फिलहाल पुलिस के अफसर इस मामले में आधिकारिक रूप से कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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