लखनऊ. उत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरीश कुमार की गिरफ्तारी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हरीश कुमार का तबादला 12 अक्टूबर को NCR जोन प्रयागराज हो गया था, लेकिन वह सीएओ NR AK सिंघल की कृपा से पद नहीं छोड़ रहे थे। AK सिंघल भी अपने चहेते हरीश कुमार का तबादला रेलवे बोर्ड से रुकवाने में लगे थे। बता दें, नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय की टीम ने बुधवार को उत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरीश कुमार और ठेकेदार वीरेंद्र तोमर को गिरफ्तार किया था।
उत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरीश कुमार मामले में बड़ा अपडेट आया है। हरीश कुमार का तबादला 12 अक्टूबर को एनसीआर जोन प्रयागराज हो गया था, लेकिन अपने सरताज/आका CAO NR AK सिंहल की कृपा से पद नहीं छोड़ रहे थे। AK सिंहल रेलवे बोर्ड से अपने चहेते हरीश कुमार का तबादला रुकवाने में लगे थे। गिरफ़्तार इंजीनियर हरीश कुमार और ठेकेदार वीरेंद्र तोमर पर CAO AK सिंघल की कृपा रहती थी। AK सिंहल आज सुबह से दिल्ली कश्मीरी गेट वाले दफ़्तर में मीटिंग कर रहे हैं। AK सिंहल का मामला गंभीर है।
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) November 9, 2023
उत्तर रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर हरीश कुमार की गिरफ्तारी पर सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर रेलवे, लखनऊ के लोक सेवकों एवं ठेकेदारों सहित 10 आरोपियों के खिलाफ 7 नवंबर 2023 को केस दर्ज किया गया था। दरअसल, सीबीआई को सूचना मिली थी कि हजरतगंज स्थित उत्तर रेलवे कार्यालय में तैनात अधिकारी कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर टेंडर में फेरबदल करने, बकाया भुगतान कराने आदि कार्यों के बदले रिश्वत का लेन-देन कर रहे हैं। वहीं अधिकारी भी रिश्वत लेकर ठेकेदारों का नियमों के विपरीत भुगतान कर रहे हैं। बाकी ठेकेदारों के साथ कार्य देने और भुगतान में पक्षपात किया जा रहा है।