हजारों बेरोजगारों के सपनों का हत्यारा अरविन्द राणा एसटीएफ ने किया गिरफ्तार, कारनामें सुनकर पैरों तले खिसक जायेगी जमीन

यूपी टीजीटी परीक्षा के पेपर लीक मामले में मेरठ एसटीएफ और शामली पुलिस ने नकल माफिया और सॉल्वर गैंग के सरगना अरविन्द राणा की गिरफ्तारी की है. अरविन्द राणा महीनों से फरार था. एसटीएफ ने राणा के साथ उसके गुर्गे राहुल विटाबदा की भी गिरफ्तारी की है.

28 नवम्बर 2021 को उत्तरप्रदेश के 75 जिलों में यूपीटीजीटी परीक्षा का आयोजन किया गया था. यह परीक्षा इन जिलों के 273 परीक्षा केन्द्रों में होनी थी. लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ घंटे पहले टीजीटी एक्जाम का प्रश्नपत्र लीक होकर सोशलमीडिया पर आ गया. सोशलमीडिया पर आये पेपर को जब उच्चाधिकारियों के आदेश पर मूल पेपर से मिलान किया गया तो खुलासा हुआ कि पेपर लीक हो चुका है.

इसके बाद पूरे उत्तरप्रदेश से सभी परीक्षा केन्द्रों पर यह परीक्षा रद्द कर दी गयी थी. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले टीजीटी परीक्षा का पेपर लीक यूपी सरकार की बड़ी नाकामयाबी थी. विपक्ष ने भी इसे लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये. पेपर लीक के बाद हरकत में आयी यूपी पुलिस और एसटीएफ ने अलग-अलग जिलों से बड़ी तादात में गिरफ्तारियां भी की.

पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पहुंचे लीक पेपर के मामले में शामली कोतवाली में केस संख्या 591/21 दर्ज किया गया था. इस इलाके में पेपर लीक करने वाला नकल माफिया अरविन्द राणा का गैंग था. अरविन्द राणा समेत कई गैंग मेम्बर्स के खिलाफ यह केस दर्ज किया गया और उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया. पुलिस को इस मामले में अरविन्द राणा और उसके साथी राहुल की तलाश थी.

अरविन्द राणा को एसटीएफ और पुलिस तलाश कर रही थी. मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर अरविन्द राणा की तलाश उसके साथी राहुल के गांव विटाबदा में की गयी. शामली पुलिस के सहयोग से एसटीएफ मेरठ यूनिट ने दोनो को दबोचकर गिरफ्तार कर लिया. दोनो के खिलाफ शामली कोतवाली में जेल भेजने की कार्रवाई की गयी.

आरोपी राहुल से हुई पूछताछ में उसने बताया कि झाल के निवासी मोनू से उसने यूपी टीजीटी का पेपर 6 लाख रूपये में खरीदा था और इसे 50 हजार रूपये प्रति प्रतियोगी के हिसाब से बिक्री किया था. करीब 22 प्रतियोगियों को लीक पेपर को बेचने की बात राहुल ने स्वीकार की है. अरविन्द राणा इस गैंग का सरगना है.

अरविन्द राणा दिल्ली, उत्तरप्रदेश और हरियाणा में प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने के लिए कुख्यात है. नलकूप आपरेटर से लेकर ग्राम विकास अधिकारी और सुरक्षा ऐजेंसियों से जुड़ी परीक्षाओं में सॉल्वर के जरिये नकल कराना और परीक्षाओं के पेपर लीक करके अरविन्द राणा ने करोड़ो रूपये की सम्पत्ति हासिल की है. एसटीएफ मेरठ यूनिट के एएसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गैंग के खिलाफ अब गैंगस्टर के अन्तर्गत कार्रवाई की जायेगी.

प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल, पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का रैकेट चलाने वाला अरविन्द राणा करीब डेढ़ दशक से अपराध की दुनियां में अपने गैंग के साथ सक्रिय है. दिल्ली और यूपी की कई परीक्षाओं को उसने हाईजेक किया और सैकड़ो परीक्षार्थियों को सरकारी नौकरियां दिलाई.

उसके खिलाफ लखनऊ और दिल्ली में भी मुकदमें दर्ज है. 2013 में उसने एसएससी का पेपर लीक कराया था. वह फायर सर्विस और रेलवे जैसी नौकरी की प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सैंध लगा चुका है.

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