आतंक मुक्त हुई प्रयाग भूमि, अतीक-अशरफ का खात्मा माफियाओं के लिए सख्त संदेश…

बात जब कानूनी प्रक्रिया के जरिए किसी कुख्यात को सजा दिलाने की होती है तो वही कानून लाचार सा प्रतीत होता है. कचहरी और न्यायालयों का चक्कर लगाने में जितना संसाधन और समय नष्ट होता है, और इसके बाद भी जब पीड़ित को न्याय मिलने में देरी होती है तो वह साफ तौर पर कथित कायदे-कानूनों की पोल खोलता दिखाई देता है.

उत्तर प्रदेश से अब माफिया अतीक अहमद और कुनबे का आतंक और खौफ लगभग समाप्ति के कगार पर है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माफियाओं की मिट्टी में मिलाने की प्रतिज्ञा अब सच साबित होती दिख रही है. भले ही अतीक की हत्या कथित तौर पर पत्रकार के वेश में आए हत्यारों ने क्यों ना की हो लेकिन माफियाओं के कुनबे के महा विनाश का सारा क्रेडिट प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को जाता है.

जिस माफिया के खौफ से सारा प्रदेश ग्रसित था आज वह सचमुच मटियामेट हो चूका है. जिस अंदाज में प्रयागराज में राजू पाल हत्याकांड के गवाह को मारा गया था उस लिहाज से माफिया अतीक और उसके भाई का खात्मा प्रथम दृष्ट्या कानुन व्यवस्था की विफलता दिखेगी. लेकिन जिस तरह से दोनों भाइयों को मारा गया, प्रदेश के माफियाओं में एक दहसत सी फैल गई होगी.

हालांकि इस बीच सियासत होना लाजमी है. अतीक और उसके भाई के ऐतिहासिक मर्डर को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और लिबरल्स ने कानून और संविधान की दुहाई देना शुरू कर दिया है जैसा उनसे अपेक्षित था. अलका लांबा, असदुद्दीन ओवैसी, चंद्रशेखर रावण समेत तमाम नेताओं ने इसे कानून व्यवस्था की विफलता बताते हुए असंवैधानिक करार दिया है.

बात जब कानूनी प्रक्रिया के जरिए किसी कुख्यात को सजा दिलाने की होती है तो वही कानून लाचार सा प्रतीत होता है. कचहरी और न्यायालयों का चक्कर लगाने में जितना संसाधन और समय नष्ट होता है, और इसके बाद भी जब पीड़ित को न्याय मिलने में देरी होती है तो वह साफ तौर पर कथित कायदे-कानूनों की पोल खोलता दिखाई देता है.

बहरहाल, ज्ञान और तप की भूमि रही प्रयाग भूमि माफिया के आतंक से मुक्त हो चुकी है. यह पूरा घटनाक्रम एक उदाहरण है, उन सभी बाहुबलियों के लिए कि अगर आप किसी दृढ इच्छा शक्ति और सक्षम सरकार से बैर मोल लोगे तो आपका यही हस्र होगा. कभी जो जुर्म की दुनिया का कुख्यात शहंशाह हुआ करता था, आज उसका अवैध साम्राज्य मटियामेट हो गया.

Related Articles

Back to top button