राम मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए नहीं उतारने होंगे जूते-चप्पल, लगाए जाएंगे रामायणकालीन पौधे

....जटायु महाराज भी स्थापित हो चुके हैं, जो श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं, वह कुबेर टीले के दिशा में भी जाएं, कुबेर टीले पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे।

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य सितंबर माह में पूरा जाएगा। इससे पहले अयोध्या को सजाने-संवारने का काम जारी है। राम मंदिर परिसर में बने अन्य मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को नहीं उतारने होंगे जूते और चप्पल। राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में शामिल होने पहुंचे निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि, ट्रस्ट का प्रयास राम मंदिर के साथ-साथ परिसर में बन रहे अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं को दर्शन करने का प्रयास, सितंबर तक सात मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

उन्होंने कहा, शेषावतार मंदिर भी जल्द ही बनकर पूर्ण हो जाएगा। कुबेर टीले का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। जटायु महाराज भी स्थापित हो चुके हैं, जो श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने आते हैं, वह कुबेर टीले के दिशा में भी जाएं, कुबेर टीले पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। उद्यान विभाग उस पर कर रहा है काम, नेशनल बॉटनी गार्डन लखनऊ इस पर शोध कर चुका है कि रामायण में कौन-कौन से पौधों का उल्लेख है।

नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि, कुबेर टीले पर रामायण कालीन पौधे लगाए जाएंगे। 150 से ज्यादा रामायण कालीन पौधों का उल्लेख है, उन्ही में से ही चयन करके कुबेर टीले पर पौधे लगाए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, राम मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को जूते और चप्पल नहीं उतारने होंगे। नंगे पैर अन्य मंदिरों में या कुबेर टीले जाने पर उनके साथ नाइंसाफी होगी।

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