आजम खान का अखिलेश को सलाह, कहा- ‘रामपुर से लड़ें चुनाव, नहीं तो होगा बहिष्कार…’

दरअसल, आजम चाहते हैं कि रामपुर के लोकसभा चुनाव में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को खुद यहाँ से मैदान में उतरे और लड़े।

रामपुर के लोकसाभा सीट को लेकर सपा में घमासान नजर आ रहा है। यहां पहले चरण में मतदान होना है ऐसे में नामांकन के लिए अब सिर्फ 27 मार्च का ही दिन बच गया है। इस बीच यहां से उम्मीदवारी को लेकर आज़म खान के एक पत्र ने हलचल तेज कर दी है। खबर है कि सपा नेता आजम खान ने एक सपा के सामने एक डील रखते हुए मौजूदा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। दरअसल, वो चाहते हैं कि रामपुर के लोकसभा चुनाव में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव को खुद यहाँ से मैदान में उतरे और लड़े। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इस सीट पर चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।

इस मामले की जानकारी देते हुए मंगलवार यानी 26 मार्च को यहां से पिछले लोकसभा उपचुनाव में प्रत्याशी रहे आसिम राजा ने मीडिया के सामने आजम खां के पत्र को भी सार्वजनिक किया। इस पत्र में लिखा गया है कि, “लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। पहले चरण मे ही रामपुर का चुनाव है। सबकी निगाहे प्रत्याशी की घोषणा पर लगी हुई है। हम भी पिछले 40-50 वर्षों से चुनाव प्रक्रिया के भागीदार रहे है लेकिन हमारे सामने केवल चुनाव कभी नहीं रहा बल्कि हमेशा गरीब, मजदूर, युवाओं तथा विशेषकर आने वाली नस्लों का भविष्य हमारी सियासत और जिन्दगी का मकसद /उद्देश्य रहा है और पूरा जीवन इसी मकसद को हासिल करने में हमने लगाया है। आज उसी की सजा हमको मिल रही है।”

आज़म ने आगे कहा कि, “पार्टी के साथी और हमारा पूरा परिवार जेल की कोठरियों में जिन्दगी के दिन काट रहा है। पिछले कुछ समय में रामपुर को बर्बाद करने में कोई कसर नही छोड़ी गयी। हजारो बेगुनाह लोगो पर झूठे मुकदमे लगाये गये और जेलो में डाला गया। पुलिस ने रामपुर को जी भरकर लूटा तथा महिलाओं को अपमानित करने का अपना शोक भी पूरा किया एवं रामपुर की आम जनता के साथ घोर अन्याय किया गया। पिछले दो उपचुनावों में जो कुछ हुआ उसे पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है।”

पत्र में आगे कहा गया है कि, “रामपुर की ऐसी विशेष परिस्थितियों के कारण लोकसभा के वर्तमान चुनाव में हमने राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय अखिलेश यादव जी से 7- रामपुर से चुनाव लड़ने का आग्रह किया था। हमारा विचार था कि इन हालात में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का रामपुर से चुनाव लड़ना आवश्यक है। हम समझते है कि कन्नौज, आजमगढ़, बदायूं, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद महत्वपूर्ण सीटे है जिनका जीतना जरूरी है। इस सबके बाद रामपुर आता है रामपुर कौन जीतेगा ? रामपुर के समाजवादी नेताओं, कार्यकर्ताओं को घोर अत्याचार करके कुचल दिया फर्जी मुकदमे लगाए गए, जेल भेजा गया और अब भी यह अत्याचार जारी है।”

आज़म खान ने कहा कि, “हमने सोचा था कि रामपुर के इस माहौल को बदलने तथा गरीब जनता, पीड़ित कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचार के माहोल में राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का रामपुर आना जरूरी है। पिछले दो उपचुनाव में जो कुछ हुआ उसे कौन भूल सकता है। हम जीवन भर झोली फहलाकर, नवाबो और बाहुबलियों से लड़कर ही यहां तक पहुचे है और आज जो कुछ हमारे साथ हो रहा है वो भी रामपुर के तमाम लोग और पूरी दुनिया देख रही है। रामपुर वालों को दिये गये जख्मों और घावों की जलन और तड़प कम करने के लिए ही हमने माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय अखिलेश यादव जी को रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया था।”

पत्र के द्वारा आज़म ने आगे कहा कि “हमने बहुत चुनाव लड़े, जीते भी ओर कभी हार भी देखी लेकिन होसला कभी नही हारा। परन्तु जब चुनाव, चुनाव ही न रहे तो कुछ सोचना ही पड़ता है। एक ही जिले और मण्डल में एक ही अधिकारी चुनाव आयोग के नियमों के विरूद्ध रह रहा है और उदेश्य केवल ओर केवल चुनाव हराना ही है तो परिस्थितियों को खूब समझा जा सकता है। ऐसे माहौल और हालात में हम वर्तमान चुनाव का बायकाट (बहिष्कार) करते है। रामपुर के वर्तमान चुनाव के बारे में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी ही निर्णय लेंगे।”

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