
अगर आज मणिपुर में राष्ट्रपति का शासन लगा है तो इसके लिए केवल भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है क्योंकि हम जानते हैं कि किस तरह से मणिपुर में घटनाएं घटी तो इसके लिए पूरी तरह जहां तक भारतीय जनता पार्टी जानती थी कि दोनों ही जो यह गुट है लगातार उनमें टेंशन बढ़ती जा रही है उसके बावजूद भी इनको बढ़ने दिया गया और कहीं ना कहीं हम मांग कर रहे थे की मणिपुर पर चर्चा हो जब यह घटना घटी थी इतनी बड़ी तो तभी भी भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने अपनी चुप्पी साध आंखें मूंद अपने होठों को चुप करा लिया और किसी भी सांसद ने बोलना सही नहीं समझा और ना ही किसी सरकार ने सहयोग किया और ना ही मणिपुर पर कोई चाहिए चर्चा हुई और ना ही हम चाहते थे कि वहां के मुख्यमंत्री को बदला जाए और ना ही मुख्यमंत्री को बदला उसका परिणाम यह हुआ है कि आज वहां पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।
अखिलेश की टिप्पणी पर भी दिया जवाब
जिस तरह से पूरा मिल्कीपुर का चुनाव हुआ और करहल में भी चुनाव हुए हैं यहां हमने देखा है कि पूरा शासन प्रशासन टारगेट की तरह काम कर रहा है की सरकार जीत जाए भारतीय जनता पार्टी की जो कैंडिडेट है वह जीत जाए तो जिस तरह से देखने को मिल रहा है तो उसे तो यही लग रहा है।
सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भोजपुरी अवधी भाषा पर सपा को सुनाए जाने पर बोली डिंपल यादव
मुझे नहीं लगता है कि समाजवादी पार्टी ने कभी भी अवधी भाषा का विरोध किया है या कोई भी भाषा का विरोध किया है और नेताजी ने तो हमेशा हिंदी भाषा को बढ़ाने की बात की उन्होंने हिंदी भाषा को बढ़ाने के लिए सदन में कई व्यक्तित्व दिए हैं विचार पेश किए है। जिस तरह की भाषा का यह लोग प्रयोग करते हैं भारतीय जनता पार्टी की जो लोग हैं तो हमें यह समझ लेना चाहिए कि उनकी ना तो भाषा अच्छी है ना ही भावनाएं अच्छी है क्योंकि पहला दिन था सदन का यहां पर विधानसभा का जहां में समझती हूं की कुंभ पर बात होनी चाहिए थी कितनी बड़ी-बड़ी घटनाएं कुंभ में घाटी जहां आंकड़े सरकार ने छुपाए हो और जाने कितने हजारों करोड़ व्यवस्था में लगा दिए गए तो आज सही मायने में तो जिन लोगों ने अपनी जान कोई उनको श्रद्धांजलि देने का दिन था और जिस तरह की भाषा यह बोल रहे हैं यह साफ दर्शाता है कि कहीं ना कहीं अपनी कमियों को छुपाने के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता उदित राज के बयान पर दी प्रतिक्रिया
अपने हमें बूथ मजबूत करने हैं और ग्राउंड में काम करना है जहां हम लोग लोगों से संपर्क बनाकर अपने बूथ का हिसाब किताब रखे मैं नहीं समझती हूं कि किसी को भी इस तरह की भाषा प्रयोग करनी पड़ेगी किसी को भी। और यह उनके खुद के विचार हैं किसी भी बड़ी नेता के लिए इस तरह के विचारों के लिए ना हम ना साथ देते हैं ना हम समर्थन करते हैं बल्कि हम इसकी घोर निंदा करते हैं 2027 के चुनाव को लेकर बोली सपा सांसद डिंपल यादव
नए चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर बोली डिंपल यादव
सबने विरोध किया क्योंकि एक तरफ जहां होम मिनिस्टर होंगे और एक तरफ खुद प्रधानमंत्री होंगे और जहां एक तरफ अपोजिशन का 1 लीडर होगा तो अगर आप मैच खेलेंगे और तीन खिलाड़ी में से दो खिलाड़ी आपकी होंगे तो आप तो वैसे ही जीत जाएंगे तो मैं समझती हूं कि जहां चीफ जस्टिस का इंवॉल्वमेंट था तो चीफ जस्टिस का इंवॉल्वमेंट होना चाहिए जिससे कि पारदर्शिता रहे।
पूरे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर बोली डिंपल यादव
इसकी हियरिंग होनी चाहिए क्योंकि यह बहुत इंपॉर्टेंट है देश लोकतंत्र के माध्यम से चले और जहां आपकी बात जो रखी जाएगी और सुनी जाएगी जहां हमने देखा कि मिल्कीपुर चुनाव में किस तरह की धांधलिया सामने आई और लगातार ना जाने कितनी कंप्लेंट की गई चुनाव आयोग को उसके बावजूद भी कोई रिजल्ट नहीं निकला ना उस समय कोई कार्रवाई हुई ना बाद में कोई कार्रवाई होती है तो अगर देश में निष्पक्ष चुनाव चाहिए तो 3 मेंबर की जो कमेटी होती है वह बहुत महत्वपूर्ण है उसमें से एक एक विपक्ष का नेता एक पक्ष का नेता और तीसरे नंबर में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होने चाहिए।