बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतार कर बिगाड़ा सपा का खेल, किस पार्टी से होगा मेरठ का अगला मेयर?

मेरठ नगर निगम के महापौर सीट की लड़ाई को बसपा ने दिलचस्प बना दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मैदान में उतारा है. गुर्जर कार्ड खेलकर सपा अपने जीत का दावा कर रही थी. लेकिन मायावती ने मुस्लिम प्रत्याशी हसमत मलिक को मैदान में उतारकर बाजी पलट दी.

Nagar Nigam Election: मेरठ नगर निगम के महापौर सीट की लड़ाई को बसपा ने दिलचस्प बना दिया है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को मैदान में उतारा है. गुर्जर कार्ड खेलकर सपा अपने जीत का दावा कर रही थी. लेकिन मायावती ने मुस्लिम प्रत्याशी हसमत मलिक को मैदान में उतारकर बाजी पलट दी.

बसपा प्रत्याशी हसमत मलिक सपा की महापौर उम्मीदवार सीमा प्रधान पर हमवालर हैं. वह सपा विधायक अतुल प्रधान की पत्नी सीमा प्रधान को बाहरी बता रहे हैं. साथ ही वह अखिलेश यादव पर मेरठ में मुस्लिमों की आबादी अधिक होने के बावजूद दूसरी बिरादरी को टिकट देने का भी आरोप लगा रहे हैं.

मेरठ नगर निगम में मुस्लिमों की आबादी करीब 4 लाख है. इसके बावजूद सपा ने यहां से एमवाई फैक्टर से हटकर गुर्जर प्रत्याशी उतारा है. कहा जा रहा है इससे मुस्लिम नाराज हैं. मुस्लिमों की इस नाराजगी को भांपते हुए बसपा ने यहां से मुस्लिम प्रत्याशी हसमत मलिक को मैदान में उतारा है.

फिलहाल बीजेपी ने मेरठ महापौर सीट पर अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं, लेकिन कांग्रेस ने नसीम कुरैशी, AAP से ऋचा सिंह को मैदान में उतारा है. मेरठ में अब तक सपा सबसे अधिक मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन बसपा द्वारा मुस्लिम प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सपा को झटका लगा है. वहीं, भाजपा को अब मेरठ में अपनी जीत नजदीक दिखने लगी है.

बता दें, मेरठ नगर निगम में मुस्लिमों की आबादी सर्वाधिक 4 लाख के करीब है. गुर्जर 30 हजार से 40 हजार, एससी समाज के वोट डेढ़ लाख से ज्यादा हैं. वहीं, मेरठ में वैश्य समाज 2 लाख से ज्यादा और पंजाबी करीब एक लाख हैं. जबकि ब्राह्मण 80 हजार से ज्यादा व अन्य एक लाख के करीब अन्य जातियों के मतदाता हैं.

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