आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया। अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने कहा कि विशेष रूप से आज नारी सम्मान का भी अवसर है और दूर से दूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश के महान आदिवासी परंपरा के सम्मान का भी अवसर है न सिर्फ सांसदों को लेकिन आज पूरे देश के लिए गौरव का पल है कि भारत के वर्तमान राष्ट्रपति जी का आज पहला उद्बोधन हो रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संसदीय कार्य में गत छह सात दशक से जो परंपराएँ विकसित हुई है उन परंपराओं में देखा गया है कि अगर कोई भी नया सांसद जब पहली बार सदन में बोलने के लिए खड़ा होता है वो किसी भी दल का क्यों ना हो पहली बार बोलता है तो पूरा सदन उनको सम्मानित करता है उनका आत्मविश्वास बढ़े उस प्रकार से एक सहानुकूल वातावरण तैयार करता है एक उज्जवल और उत्तम परंपरा है। उन्होने कहा कि आज राष्ट्रपति का उद्बोधन भी पहला उद्बोधन सभी सांसदों की तरफ से उमंग उत्साह और ऊर्जा से भरा हुआ आज का ये पल हो ये हम सबका दायित्व है स्वीकृति प्रदान कर दी है मुझे विश्वास है हम सभी सांसद उन सभी प्रकरणों को इस कसौटी पर खरे उतरेंगेष
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट के तरफ ना सिर्फ भारत का लेकिन पूरे विश्व का ध्यान है डामाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य मानवी की आशा आकांक्षाओं को तो पूरा करने का प्रयास करेगा ही लेकिन विश्व जो आशा की किरण देख रहा है उसे वो और अधिक प्रकाशमान नजर आए मुझे पूरा भरोसा है। उन्होने कही कि Bharatiya Janata Party के नेतृत्व में NDA सरकार उसका एक ही मकसद रहा है एक ही मोटो रहा है एक ही लक्ष्य रहा है और हमारी कार्य संस्कृति के केंद्र बिंदु में भी एक ही विचार रहा है India first citizen first सबसे पहले देश सबसे पहले देशवासी उसी भावनाओं को आगे बढ़ाते हुए ये बजट सत्र में भी तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए और मुझे विश्वास है कि हमारे विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ बहुत बारीकी से अध्ययन करके सदन में अपनी बात रखेंगे। उन्होने कहा कि सदन देश के नीति निर्धारण में बहुत ही अच्छी तरह से चर्चा करके अमृत निकालेगा जो देश को काम आएगा मैं फिर एक बार आप सबका स्वागत करता हूँ बहुत बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ।