अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री के घर का किया घेराव, 6 साल से अधर में लटकी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए की मांग

साल 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग में 12460 पदों पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में लटकी हुई है. तारीख पर तारीख लगती रहती है लेकिन कभी सरकार के वकील अनुपस्थित रहते हैं तो सुनवाई के दौरान कभी कुछ और अड़ंगा लग जाता है.

यूपी में आए दिन शिक्षक भर्ती विवाद को लेकर बेरोजगार अभ्यर्थियों का धरना चलता रहता है. इसी कड़ी में मंगलवार को भी राजधानी लखनऊ में सैकड़ो की तादाद में अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षक भर्ती के बेरोजगार अभ्यर्थियों ने अखिलेश सरकार में शुरू हुई 12,460 शिक्षक भर्ती पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग की. उन्होंने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की.

साल 2016 में बेसिक शिक्षा विभाग में 12460 पदों पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया कोर्ट में लटकी हुई है. तारीख पर तारीख लगती रहती है लेकिन कभी सरकार के वकील अनुपस्थित रहते हैं तो सुनवाई के दौरान कभी कुछ और अड़ंगा लग जाता है. भर्ती की न्यायिक प्रक्रिया में विलंब के चलते अभ्यर्थी निराश हो चुके हैं, जिनका गुस्सा मंगलवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास के सामने देखने को मिला.

अभ्यार्थियों ने इस मामले को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए जमकर नारेबाजी की और विरोध स्वरुप बेसिक शिक्षा मंत्री के घर सामने सुंदरकांड का पाठ किया. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और पारदर्शनरत अभ्यर्थियों को बेसिक शिक्षा मंत्री के घर के सामने से बामुश्किल हटाया गया.

योगी सरकार बनने के बाद भर्ती प्रक्रिया पर लगी थी रोक

दरअसल, अखिलेश सरकार के दौरान 15 दिसंबर, 2016 को बेसिक शिक्षा विभाग ने 12,460 पदों पर शिक्षक भर्ती की अधिसूचना जारी की थी लेकिन धीरे-धीरे यह भर्ती प्रक्रिया राजनीति और विवादों के हत्थे चढ़ गई. 17 मार्च, 2017 को पहली काउंसलिंग हो जाने के बाद 23 मार्च, 2017 को जब प्रदेश में योगी सरकार बनी तो इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई.

तो इसलिए हो रहा प्रदर्शन…

अधिसूचना जारी होने के बाद से ही यह बात स्पष्ट थी कि प्रदेश के 24 जिलों में कोई पद खाली नहीं है लिहाजा इन जिलों के अभ्यर्थियों को दूसरे जिलों से फॉर्म भरने की इजाजत थी. लेकिन बाद में इन्हीं जिलों के लगभग 6,000 अभ्यर्थियों को उच्च न्यायायलय ने नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी. इसके बाद से ही भर्ती प्रक्रिया अटकी पड़ी हुई है. विरोध करने वाले अभ्यर्थियों की यही मांग है कि राज्य सरकार मामले को लेकर कोर्ट में मजबूती से पैरवी करे और भर्ती प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए.

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