सीएम योगी ने 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को किया फ्लैग ऑफ, कहा- एक कॉल पर पशुओं को मिलेगा इलाज

सीएम योगी आदित्यनाथ आज 201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को फ्लैग ऑफ किया. 5 कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से सीएम योगी ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान सीएम के साथ केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर, यूपी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर 12 लाख गोवंश हैं, जिसकी जिम्मेदारी सरकार उठा रही है. 10 लाख के करीब गोवंश को रखकर उनके बेहतर जीवन के लिए सरकार काम कर रही है. इसमें विभाग की भी सहभागिता है.

लखनऊ- सीएम योगी आदित्यनाथ आज 201 करोड़ की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को फ्लैग ऑफ किया. 5 कालीदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से सीएम योगी ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान सीएम के साथ केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर, यूपी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह भी मौजूद रहे.

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के अंदर 12 लाख गोवंश हैं, जिसकी जिम्मेदारी सरकार उठा रही है. 10 लाख के करीब गोवंश को रखकर उनके बेहतर जीवन के लिए सरकार काम कर रही है. इसमें विभाग की भी सहभागिता है.

ये सभी सभी 520 यूनिट ईएसवीएचडी योजना के तहत जीपीएस से लैस हैं. ‘पशु उपचार पशुपालक के द्वार’ थीम के साथ प्रदेश के सभी जिलों में पशुपालकों को मेडिकल और स्वास्थ्य से संबंधित सभी सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने के लिए यह बड़ा निर्णय लिया है. प्रदेश के 5 जोन में 5 ऑपरेटर द्वारा इस योजना का संचालन किया जाएगा. एमवीयू का संचालन हाइब्रिड मॉडल के तहत होगा जो देश का अनूठा मॉडल है. 50 प्रतिशत वाहन पूर्व निधारित रूट और शेष 50 प्रतिशत इमरजेंसी सेवा के लिए उपयोग किए जाएंगे.

बता दें, मोबाइल वेटरनरी यूनिट की सुविधा 1962 टोल फ्री नंबर के जरिए संचालित होगी. कॉल करने बाद निर्धारित स्थान पर वेटरनरी यूनिट पहुचेंगी. जो पूरी तरह से निशुल्क होगी. यूनिट का संचालन रूट वाइस सुबह 8 से 2 बजे तक और इमरजेंसी में 10 से रात्रि 8 बजे तक होगा.ये सभी यूनिट जेपीएस प्रणाली युक्त अत्याधुनिक मोबाइल ऐप द्वारा संचालित होगी. इसको लेकर निदेशालय स्तर पर एकीकृत केंद्रीय कमांड एवं कंट्रोल सेंटर को स्थापित किया गया है. प्रत्येक जिले के हिसाब से न्यूनतम दो और अधिकतम 14 एमवीयू आवंटित की जाएंगी.

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