कांग्रेस में गहराया नेतृत्व का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा। जहां एक तरफ अध्यक्ष पद के लिये गहलोत का नाम तय माना जा रहा था। वहीं अब राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर नयी समस्या खड़ी हो गयी है। सचिन पायल़ट को राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी साफ दिखने लगी थी। तभी जयपुर में अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने स्पीकर के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश दी। विधायकों का कहना है कि जो भी नेता डेढ़ साल पहले बगावत में शामिल थे उनमें से किसी को भी मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नही करेंगे।
सचिन जो कि केरल जा कर राहुल गांधी से मिलकर आये थे। अशोक गहलोत के बाद मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कर रहे थे। उनकी स्थति अभी भी अनिश्चित ही लग रही है। ऐसे घटना कर्म से पार्टी में नेतृत्व की कमी साफ ज़ाहिर होती है। ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री का संकट और बढ़ता देख मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा गया जिन्होने वापस आकर आलाकनमान को स्थिती की विस्तृत जानकारी दी।
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अजय माकन ने मीडिया के सामने आकर अशोक गहलोत के समर्थकों के रूख को अनुशासनहीनता बताया। मल्लिकार्जुन खड़गे भी जयपुर के घटनाक्रम से संतुष्ट नहीं हैं और इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी साफ झलक रही है। पार्टी में राजनीतिक संकटमोचक माने जाते कमल नाथ को दिल्ली बुलाया गया। कमल नाथ के संबंध अशोक गहलोत और सचिन पायल़ट दोनों से अच्छे माने जाते हैं। अब पूरी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा दांव पर है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये अशोक गहलोत की दावेदारी भी संशय बढ़ने लगा है।