
मध्यप्रदेश (MP) सरकार ने साइबर अपराधों (Cyber Crime) पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश के 13 जिलों में साइबर लैब (Cyber Lab) खोलने का निर्णय लिया हैं। ये सभी साइबर लैब उन जिलों में बनेंगे जहां साइबर अपराध के मामले अधिक होते हैं। बताया जा रहा है कि इन लैबों में सबसे पहले दो पुलिस आरक्षी और एक सब इंस्पेक्टर की तैनाती की जायेगी।
दरअसल, मध्यप्रदेश में साइबर अपराध बड़ी संख्या में पहले की अपेक्षा बढ़ा हुआ है। इस पर लगाम लगाने के लिए सरकार के हाईटेक साइबर कंट्रोल लैब स्थापित करने का यह फैसला बेहद महत्वपूर्ण और प्रभावी माना जा रहा है। प्रदेश में इन लैबों की स्थापना से साइबर अपराधों को कंट्रोल करने और इसकी चुनौतियों से निपटने में काफी मदद मिलेगी। हाईटेक तकनीकों से लैस इन साइबर लैब से किसी भी साइबर अपराध को समय रहते पहचान कर उसपर जरूरी पुलिस कार्यवाही की जा सकेगी। साइबर अपराधियों को पकड़कर उन्हें जेल भेजा जा सकेगा।
सरकार का यह फैसला मध्य प्रदेश पुलिस को साइबर अपराध मामलों को सुलझाने में और अधिक सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में जरूरी कदम माना जा रहा है। बता दें कि पिछले एक सालों से साइबर अपराधों से संबंधित कई मामले पुलिस को मिले थे तब इस तरह के लैब की जरूरत पुलिस को महसूस होती थी। इन साइबर लैबों की कमी के चलते पुलिस को प्रभावी कार्यवाही करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
मध्य प्रदेश सरकार कई चरणों में इन लैबों की स्थापना करेगी। प्रथम चरण में प्रदेश को 13 साइबर लैब मिलेंगे जिनको ऑपरेट करने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा।