
दिल्ली : कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कोर्ट में अपना गुनाह कबूला। कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सही माना है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए कोर्ट में अपने ऊपर लगे आरोपों को सही माना और कानून के मुताबिक सजा देने की मांग की। यासीन मलिक ने कोर्ट में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद-अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने की बात मानी। 19 मई को पटियाला हाउस कोर्ट में यासीन मलिक की सज़ा पर बहस होगी। यासीन मलिक पर गैरकानूनी गतिविधि देश के खिलाफ युद्ध और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा है।
यासीन मलिक ने अदालत को बताया कि वह UAPA की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिविधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने की साज़िश) और 20 (आतंकवादी समूह संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) और 124 A (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता हैं।
मामले में यासीन मलिक के अलावा हाफिज सईद शब्बीर शाह और मशरत आलम पर टेरर फंडिंग के तहत आरोप तय है। आरोप पत्र लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी दायर किया गया था, जिन्हें मामले में भगोड़ा घोषित किया गया है। अलगाववादी नेता यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। कोर्ट ने यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।