Delhi: 10वीं-12 वीं की ऑफ़लाइन बोर्ड परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार…

नई दिल्ली. देशभर में 10 वीं और 12 वीं की राज्य बोर्ड, CBSE, ICSE बोर्ड की ऑफ़लाइन परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तैयार हुआ। मुख्य न्यायाधीश में वी रमना ने कहा कि जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच मामले में सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया कि कोरोना के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं हुई है इस लिए ऑफ़लाइन परीक्षाओं को जगह ऑनलाइन परीक्षा कराई जाए।

नई दिल्ली. देशभर में 10 वीं और 12 वीं की राज्य बोर्ड, CBSE, ICSE बोर्ड की ऑफ़लाइन परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट तैयार हुआ। मुख्य न्यायाधीश में वी रमना ने कहा कि जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच मामले में सुनवाई करेगी। याचिका में कहा गया कि कोरोना के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं हुई है इस लिए ऑफ़लाइन परीक्षाओं को जगह ऑनलाइन परीक्षा कराई जाए।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर राज्यों बोर्डों,CBSE और ICSE द्वारा प्रस्तावित 10 वीं और 12 वीं परीक्षा ऑफलाइन कराने के फैसले को चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में 15 राज्यों के छात्रों ने अर्ज़ी दाखिल कर ऑफलाइन परीक्षा के बजाए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से कराने की मांग की है। याचिका में सभी बोर्डों को समय पर रिजल्ट घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह में कराई जानी है। वकील और बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने अर्ज़ी दाखिल किया है।

याचिका में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के छात्रों के लिए 100 दिन ऑफलाइन कक्षा करने को कहा और 100 दिनों ऑफ़लाइन कक्षा के बाद ऑफ़लाइन परीक्षा आयोजित कराने की बात ही है। याचिका में कहा गया कि छात्रों को ऑफ़लाइन क्लास में शामिल होने के लिए माता पिता द्वारा हस्ताक्षरित अनापत्ति प्रमाणपत्र लाना होगा। लेकिन ज़्यादातर माता पिता अपने बच्चे को ऑफ़लाइन क्लास के लिए नहीं भेजना चाहते है। राज्य सरकारों के आदेश में कहा गया है कि सभी छात्रों के लिए ऑफ़लाइन कक्षाओं में शामिल होना अनिवार्य नहीं है।

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