डॉक्टर धीरज कुमार ने बॉडीबिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीत कर रचा इतिहास, अब करेंगे ओलम्पिया की तैयारी !

श्रीनगर में डॉक्टरी के पेशे से जुड़े हुए डॉक्टर धीरज कुमार बॉडीबिल्डिंग में रोज नए किर्तिमान गढ़ रहे है हाल में आयोजित हुई नेंसनल फिजिक कमेटी...

श्रीनगर में डॉक्टरी कर रहे धीरज कुमार बॉडीबिल्डिंग में रोज नए किर्तिमान गढ़ रहे है। हाल में आयोजित हुई नेंसनल फिजिक कमेटी की प्रतियोगिता में धीरज ने गोल्ड मेडल हासिल किया है इस प्रतियोगिता को जीतने के बाद इनका चयन शेरू क्लासिक के लिए किया गया है । ये प्रतियोगिता 16 से 18 जून के बीच दिल्ली में आयोजित की जा रही है धीरज के कोच इस प्रतियोगिता में भी धीरज के गोल्ड जीतने की पूरी संभावना जता रहे है इस प्रतियोगिता के बाद सितंबर में आयोजित होने जा रही अमेचर ओलम्पिया में भी धीरज को प्रतिभाग करना है ये प्रतियोगिता देश भर में बॉडी बिल्डिंग की सबसे बड़ी प्रतियोगिता में गिनी जाती है ।डॉक्टर धीरज ने नेंसनल फिजिक कमेटी द्वारा आयोजित की गई प्रतियोगिता में जीती हुई 50 हजार रुपये की इनामी राशि को गरीब बच्चों में डोनेट भी कर दी।उन्होंने कहा कि वे जब कभी भी कोई प्रतियोगिता जीतते है तो उसमें मिलने वाली नकद राशि को वे गरीब बच्चो ओर जानवरो का ख्याल रखने वाली संस्था को डोनेट कर देते है।

मूल रूप से उत्तरप्रदेश मुजफ्फरनगर के डॉक्टर धीरज की बचपन से ही एजुकेशन रुड़की से ही हुई है उन्होंने रुड़की के राजकीय इंटर कॉलेज से हाईस्कूल ओर इन्टर की पढ़ाई जी है जबकि रुड़की डीएवी कॉलेज से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई पूरी की ।मेडिकल में निकलने के बाद धीरज ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीकोट से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की ।हैदराबाद से उन्होंने टीवी एंड चेस्ट में फैलोशिप पूरी की।वर्तमान में डॉक्टर धीरज उपजिला अस्पताल श्रीनगर में कार्यरत थे जिसके बाद उनका स्थानांतरण सीएचसी जोसिमठ कर दिया गया हैं।धीरज के पिता स्वर्गीय पवन कुमार नैनीताल हाइकोर्ट में वकालत किया करते थे जबकि उनकी माँ साधारण ग्रहणी है।

2015 में एक दुर्घटना में धीरज के दोनो पैर टूटने के बाद उनके पैरों में दो रोड लगने के बाद उन्हें डॉक्टरो ने बॉडी बिल्डिंग से दूर रहने की सलाह दी थी लेकिन अपनी मेहनत को लगन के बाद धीरज मिस्टर वर्ल्ड में छटवी ओर डीटूसी क्लासिक में सिल्वर मेडल जीत चुके है। एक समाचार चैनल से बात चीत करते हुए डॉक्टर धीरज ने बताया कि वे बॉडी बिल्डिंग के दौरान प्रोटीन के लिए मांस का सेवन नहीं करते वे नोजवानों को भी यही सलाह दे रहे है कि शाकाहार के जरिये भी अच्छी बॉडी बनाई जा सकती है और प्रतियोगिताओ को जीता जा सकता है।

धीरज के कोच नवनीत भाटिया ने बताया कि नेंसनल फिजिक कमेटी में गोल्ड मेडिल मिलने के बाद धीरज को अमेचर ओलम्पिया ओर शेरू क्लासिक में डायरेक्ट एंटी मिली है जो धीरज के लिए बड़ी जीत है डॉक्टर होने के बाद भी धीरज बॉडी बिल्डिंग में भी अपना पूरा समय दे पाते है उन्होंने कहा आने वाली प्रतियोगिता ओ में भी धीरज की अच्छी परफॉर्मेंस रहेगी।

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