
ग़ाज़ियाबाद : मेले में झूला टूटने की घटनाओं के बाद भी जिला प्रशासन और रामलीला कमेटियां सबक लेने को तैयार नही हैं। बीती रात घंटाघर रामलीला मैदान में झूला टूटने के कारण एक ही परिवार के चार सदस्य बुरी तरह से घायल हो गए, जिनमे दो बच्चे भी शामिल हैं। घायलों का प्राथमिक इलाज रामलीला मैदान में स्थित हेल्थ कैम्प पर कराया गया, इसके बाद घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया हैं। ये घटना नगर कोतवाली के ठीक सामने रामलीला मैदान में हुई है। घटना के बाद अभी तक इस मामले में झूला संचालक के खिलाफ FIR दर्ज नही की गई हैं। जानकारी के मुताबिक विजयनगर के रहे वाले अवनीश कुमार अपने परिवार के साथ घंटाघर रामलीला मैदान में घूमने गए थे। जहाँ उन्होने परिवार को झूला झूलने के लिए भेज दिया जिसमें उनकी पत्नी, दो बच्चे और साली मौजूद थी। अवनीश ने बताया कि झूला झूलते हुए वो बाहर खड़े होकर रिकॉर्डिंग कर रहे थे। तभी अचानक झूले का एक कम्पार्टमेंट टूट कर बाहर निकल आया जिसमे उनका पूरा परिवार बैठा हुआ था। झूले के टूटने की लाइव वीडियो भी सामने आई है जो बेहद खतरनाक हैं। इस घटना में परिवार के सदस्य बाल बाल बचे हैं। उनके सिर में गंभीर चोट के निशान हैं।
झूले संचालित करने वाले अटेंडेंट ने शिकायत पर नही दिया था ध्यान; बरती लापरवाही
झूला टूटने वाले हादसे में घायल हुई महिला निशु ने बताया कि जब वो झूले में बैठे तभी उन्होंने झूले वाले से कम्पार्टमेंट के टेढ़ा होने की शिकायत की थी। लेकिन उसने उसके बाद भी लापरवाही बरती और उनकी शिकायत पर कोई ध्यान नही दिया। झूला टूटने के बाद झूले को रोका गया। पीड़िता ने कहा कि अगर झूला पहले ही रोक दिया गया होता तो हादसे को टाला जा सकता था।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश; टेक्निकल अथॉरिटी ने नियमित जांच मे बरती लापरवाही।
झूला टूटने को लेकर जिले के डीएम ने रामलीला कमेटियों के साथ हुई बैठक में पहले ही झूलों की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही न बरतने के आदेश दिए थे। बावजूद उसके रामलीला कमेटियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही हैं। 5 विभागों से NOC लेने के बाद झूला संचालकों को परमिशन मिलती है। जिसकी नियमित जांच PWD की टेक्निकल टीम करती है लेकिन हैरानी कि टीम के द्वारा जांच के नाम पर खानापूर्ति करते है जिसके चलते लोगो की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा हैं ।