मंडलायुक्त का गुम कुत्ता मेरठ के ‘दयालु सज्जन’ ने लौटाया, पुलिस, निगमकर्मी ने चलाया था सर्च आपरेशन

मेरठ की मंडलायु्क्त सेल्वा कुमारी जयाराजन का पालतू कुत्ता रविवार शाम को अचानक गायब हो गया. कुत्ते को कई घंटों तक कमिश्नर के आवास का स्टाफ तलाशता रहा. कुत्ता नही मिला तो कमिश्नर को जानकारी दी जो नोयडा में मुख्यमंत्री के दौरे में बिजी थी. विदेशी नस्ल साइबेरियन हस्की का यह कुत्ता 24 घंटे से कम समय में बरामद हो गया है.

कुत्ते का गायब होने के जानकारी उस वक्त लगी जब कमिश्नर आवास के स्टाफ के साथ निगर निगम के कुछ कर्मचारी डोर-टू-डोर सर्च आपरेशन चलाकर कुत्ते को ढूंढ रहे थे. कर्मचारियों के हाथ में कुत्ते का फोटो भी था. सोमवार शाम तक कुत्ते का कोई सुराग नही लगा. इस अभियान में मेरठ के सिविल लाइन पुलिस के कुछ जिम्मेदार पुलिसवाले भी लगाये गये थे.

आधिकारिक रूप से थानेदार से लेकर एसएसपी तक किसी ने भी कुत्ता गायब होने की घटना की पुष्टि नही की. चूंकि मामला कमिश्नर के कुत्ते की गुमशुदगी से जुड़ा था, इसलिए इसे टॉप सीक्रेट रखा गया. सोमवार देर शाम एक सज्जन के पास से कुत्ते की बरामदगी कर ली गयी.

कुत्ते के गायब होने के घटनाक्रम की कहानी मेरठ कमिश्नर के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गयी कहानी से मेल खाती है. मेरठ कमिश्नर ने मंगलवार सुबह 9 बजकर 29 मिनट पर किये गये ट्विट में लिखा है कि- “महादेव की कृपा और मेरठ के वाशिन्दों की दयालुता के चलते मेरा कुत्ता मुझे मिल गया है. घर का दरवाजा खुला होने के चलते वह बाहर निकल गया था. एक दयालु ह्रदय सज्जन को कुत्ता मिला और वह उसके मालिक को तलाश रहे थे”.

“यह पता चलने पर कि वह कुत्ता मेरा है, वह उन्होने उसे मुझे वापस लाकर दिया है. उनकी दयालुता के लिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं”. मेरठ कमिश्नर ने अपने ट्विटर पोस्ट में यह भी लिखा है कि यह पूरा घटनाक्रम एक दिन से कम समय का है. कमिश्नर ने अपनी पोस्ट में मेरठियों को धन्यवाद भी कहा है.

लेकिन मेरठ कमिश्नर ने अपने पोस्ट में अपने आवास कर्मियों, नगर निगम कर्मियों और पुलिस का जिक्र नही किया जो मेहनत, मशक्कत से एक दिन तक उनके कुत्ते को तलाशते रहे.

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