रिपोर्ट- निजामुद्दीन शेख़
केलाखेड़ा थाने में पुलिस प्रशासन और ग्राम प्रधान पति के बीच हुई धक्का-मुक्की के बाद एक बुजुर्ग व्यक्ति की पगड़ी उतारने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसको लेकर सिख समाज के लोगों में खासा आक्रोश बना हुआ है। इसी के चलते केलाखेड़ा थाने के सामने आक्रोशित सिख समाज के लोगों ने पुलिस के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की और आरोपी पुलिस कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाने का कार्य किया जा रहा है।
मंगलवार देर शाम केलाखेड़ा थाने में तैनात एसआई गणेश पाण्डेय पुलिस टीम के साथ आरोपी बरीत सिंह को पूछताछ के लिए थाने में लाए थे, वही ग्राम रामपुरा काजी के ग्राम प्रधान पति बलविंदर सिंह सहित अन्य ग्रामीणों मौके पर पहुंच गए। जहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच जमकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने थाने में हंगामा कर रहे ग्रामीणों को थाने से बाहर निकाल दिया। इस दौरान ग्राम प्रधान पति के पिता गज्जन सिंह की पगड़ी उतर गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। वही सिख समाज के व्यक्ति की पगड़ी उतारने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसके बाद बुधवार सुबह दर्जनों की संख्या में सिख समाज के लोग केलाखेड़ा थाने के सामने एकत्र हुए। जहां आक्रोशित लोगों ने धरना प्रदर्शन करते हुए सिख समाज के व्यक्ति की पगड़ी उतारने वाले दरोगा और पुलिस कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने कहा कि पुलिस ने सिख समाज के व्यक्ति की पगड़ी उतारकर सिख धर्म की बेअदबी की है। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिस कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
वहीं सिख समाज के लोगों में बढ़ते आक्रोश को देखकर बाजपुर सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी, बाजपुर कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी सहित भारी संख्या में पुलिस प्रशासन मौके पर तैनात दिखाई दिया। इस दौरान बाजपुर सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी ने आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन आक्रोशित लोगों ने किसी की एक ना सुनी। वहीं सीओ भूपेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर वांछित आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। जिसके चलते पुलिस द्वारा एक आरोपी को पकड़ कर थाने लाया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा बेवजह मामले को गलत मोड़ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसी पुलिस कर्मचारी या दरोगा ने किसी की पगड़ी जानबूझकर उतारी है, तो उसके साक्ष्य उपलब्ध कराए जाएं। जिसके बाद दरोगा और पुलिस कर्मचारी पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।