विपक्षी इंडिया ब्लॉक की ओर से राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पेश किया गया। खबर है की मंगलवार यानी 10 दिसंबर को राज्यसभा में विपक्ष के तरफ से इस मामले से संबंधी नोटिस दिया गया है। जिसके तहत विपक्ष ने धनखड़ पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा राज्यसभा की कार्रवाई अत्यंत पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित किया जा रहा है। जिसके चलते उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, द्रमुक, समाजवादी पार्टी समेत कई अन्य विपक्षी दलों के 60 नेताओं ने हस्ताक्षर किया है। वहीं, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, द्रमुक नेता तिरुची शिवा और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन के हस्ताक्षर इस नोटिस पर नहीं हैं।
राज्यसभा सभापति पर लगा ये आरोप
दरअसल, विपक्ष का आरोप है कि उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है और काम रोको प्रस्ताव का इस्तेमाल सिर्फ सत्ता पक्ष के लिए किया जा रहा है। बता दें, दो पन्ने वाले इस प्रस्ताव पर 14 दिन बाद चर्चा होने की भी संभावना जताई जा रही है।
72 साल में पहली बार हुआ ऐसा
गौरतलब हो कि, देश के पूरे 72 साल के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब विपक्षी दलों के तरफ से उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है।