आय से अधिक संपत्ति के मामले में हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला को चार साल जेल की सज़ा, 50 लाख रुपये का जुर्माना

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओपी चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामले में दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने चौटाला को चार साल की सज़ा सुनाई। कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला की चार संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया। ओम प्रकाश चौटाला सज़ा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा CBI ने लिखित आदेश में कहा कि ताकत भ्रष्ट करती है, असीमित ताकत पूरी तरह से भ्रष्ट कर देती है । मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला के वकील हर्ष शर्मा ने कोर्ट से ओपी चौटाला की उम्र, सेहत, दिव्यांगता और जेल में अच्छे बर्ताव का हवाला देते हुए कम से कम सज़ा देने की मांग किया था। सीबीआई ने ओम प्रकाश चौटाला की अधिकतम सज़ा देने की मांग कोर्ट से किया था।

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने आज हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में ओम प्रकाश चौटाला को चार साल की सज़ा सुनाई। साथ ही 50 लाख का जुर्माना भी लगाया। चौटाला को सज़ा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा चौटाला ने संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया। कोर्ट ने कहा लोक सेवको के अपने पद के दुरुपयोग के बढ़ते मामलों के बीच एक सख्त संदेश देने की ज़रूरत है । कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने पर वह न केवल कड़ी सज़ा के हक़दार होंगे, बल्कि अवैध तरीक़े से अर्जित उनकी सम्पति भी जब्त कर ली जाएगी। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने फैसले में कहा जनहित में काम करने के बजाए वो स्वार्थ पूर्ति में लगे रहे। वैध आय से 103 % अधिक की (करीब दो करोड़ 81 लाख 18 हज़ार 451 की) सम्पति अर्जित की। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने फैसले मेंकहा कि चौटाला की चार साल की सज़ा में वह वक़्त कम हो जाएगा, जिस दरमियान वह पहले ही हिरासत मे रहे है, यानी चौटाला को 4 साल की सज़ा में से 481 दिन कम सज़ा काटनी होगी।

चौटाला की सज़ा पर बहस के दौरान CBI के वकील अजय गुप्ता ने कहा तक कि भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है। भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके। मामले में कम सजा देने से आम लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा। CBI के वकील ने कहा कि चौटाला जिस पद पर थे उसके बड़े मायने है, वह जनता द्वारा चुने गए नेता थे, एक चपरासी साइन करता है तो कुछ नहीं होता है लेकिन जब एक शासक साइन करता है तो बहुत कुछ बदल जाता है। लीडर ही इस प्रकार के भ्रष्टाचार करेंगे तो समाज में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, कोर्ट को इस मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए।

चौटाला के वकील हर्ष शर्मा ने कहा था कि 2013 में 60 प्रतिशत डिसेबल था, जेल में आस्थमा हुआ, इस मामले में 2013 से कस्टडी में हूँ, 87 साल उम्र है, अभी 90% विकलांग हूँ, आज बिना किसी की मदद के हिल भी नहीं सकते है। चौटाला के वकील ने कहा कि मेरी विकलांगता समय के साथ बढ़ती रहती है, मेरी नाक की हड्डी गल गई है,बहुत गंभीर अस्थमा है। ओम प्रकाश चौटाला को पेस मेकर लगा हुआ है, हाइपर टेंशन जैसी कई बीमारियां है। सांस लेने में दिक्कत आती है। चौटाला के फफड़े में भी इंफिकेशन है, जिसका इलाज चल रहा है। चौटाला के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर कोई आरोपी दिव्यांग है तो कोर्ट मानवता के आधार पर कम सजा देने पर विचार कर चहिये।

दरअसल, CBI ने आये से अधिक संपत्ति मामले में साल 2006 में ओम प्रकाश चौटाला के खिलाफ मामला दर्ज किया था, ओमप्रकाश चौटाला पर आय से 189 गुना ज्यादा पैसा कमाने का आरोप था. यह मामला 1995 से साल 2005 के बीच का है,दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 मई को उन्हें आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने का दोषी ठहराया था, 87 वर्षीय INLD नेता को जुलाई 2021 में तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था।

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