यूपी : गौशाला बनी धन उगाही का जरिया, इलाज के अभाव में दो गायों की मौत, कई की हालत खराब…

ताजा मामला ब्लाक अकबरपुर की ग्राम पंचायत बिगाही का है. यहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत मे बने निजी गौशाला संचालक रामनरेश ने गौशाला के नाम पर उनसे से उगाही कर अपनी जेब भरने मे जुटा है.

कानपुर देहात में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट गौ आश्रय स्थल धन उगाही का जरिया बन चूका है. ये प्राइवेट गौशाला गौवंशो के लिए मौत का घर बनी हुई है. ताजा मामला ब्लाक अकबरपुर की ग्राम पंचायत बिगाही का है. यहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत मे बने निजी गौशाला संचालक रामनरेश ने गौशाला के नाम पर उनसे से उगाही कर अपनी जेब भरने मे जुटा है.

वहीं, इस प्राइवेट गौ आश्रय स्थल में गौशाला मालिक के भ्रष्टाचार के चलते यहां कुछ गौवंश काल के गाल में समा गए. वहीं बाकी गौवंश मरने की कगार पर आ चुके है और जिम्मेदार अधिकारी मामले से अंजान बने हुए है. ग्राम पंचायत बिगाही की गौशाला में 50 से अधिक गौवंश मौजूद है, लेकिन इन गोवंशो के लिए न तो चारे की व्यवस्था है और ना ही इनके उपचार व देखरेख की.

वहीं जब पूरे मामले की पड़ताल भारत समाचार ने की तो नजारा हैरान कर देने वाला था. गौशाला में दो गायो की मौत हो चुकी थी. गौवंशो के लिए खाने के लिए गौशाला में चारा भी नही था. भूख के चलते गौवंशो की हालत नाजुक थी, कुछ गौवंश तो बीमार पड़े मौत का इंतजार कर रहे थे, गंदगी का अंबार लगा था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन गौशालाओ में गौवंशो को जिंदगी मिलेगी या मौत.

बहराहाल, पूरे मामले पर जिले के जिम्मेदार अधिकारी मौन नजर आए और गौशाला संचालक ग्रामीणो से धन उगाही करके भ्रष्टाचार करने मे जुटा है. वहीं गौशाला को लेकर ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गौशाला के नाम पर ग्रामीणो से धन उगाही की जा रही है. गौशाला संचालक रामनरेश ने गौशाला मे जमकर भ्रष्टाचार किया है. यहा गौवंशों के लिए न चारे पानी कि व्यवस्था है और न ही बीमार गौवंशों को उपचार मिल पा रहा है.

यही नहीं गौवंशों को गौशाला मे कैद कर दिया गया है लेकिन देखरेख के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है. गौशाला मे कोई कर्मचारी तक नहीं रहता. ये सब ब्लाक स्तर से लेकर तहसील स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर बदस्तूर जारी है और भ्रष्टाचार की भेंट बेचारे बेबश गौवंश चढ़ रहे हैं.

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