Gwalior: जेयू के गालव सभागार में स्टार्टअप बूटकेंप का हुआ आयोजन, उद्यम सेतु एप किया गया लांच

जब आपको असफलता मिलती है वहीं से सफलता की शुरुआत होती है उसके लिए आपको चाहिए धैर्य,एक आइडिया जो बदल दे आपकी दुनिया यही स्टार्टअप है।

ग्वालियर: जब आपको असफलता मिलती है वहीं से सफलता की शुरुआत होती है उसके लिए आपको चाहिए धैर्य,एक आइडिया जो बदल दे आपकी दुनिया यही स्टार्टअप है। पहले सिर्फ जो धनवान लोग हुआ करते थे वही स्टार्टअप शुरू कर सकते थे लेकिन आज युवा एक हजार से स्टार्टअप शुरू कर करोड़ों का व्यापार खड़ा कर रहा है।

जब आप उद्यमी बनते हैं तो आसपास के लोगों को रोजगार देने का काम करते हैं यही विकास है। युवाओं के सपनों को पंख देने का काम हम सब लोग मिलकर करें। हम इन युवाओं को मार्गदर्शन दें जिससे यह रोजगार लेने का नहीं देने का काम करें। यह बात चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल ने आईआईईआरएम व जेयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्टार्टअप बूटकेंप में बतौर मुख्य अतिथि कही। विशिष्ट अतिथि के रूप में जेयू के कुलसचिव डॉ.आरके बघेल, आईआईईआरएम की डायरेक्टर डॉ.मंजूश्री गुप्ता, व्हीआरएस गुर्जर, दीपक अग्रवाल, ट्रेंनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के कोर्डिनेटर डॉ.शांतिदेव सिसौदिया व प्रो.योगेश उपाध्याय उपस्थित रहे।

अध्यक्षता प्रभारी कुलपति प्रो.डीएन गोस्वामी ने की। सभी अतिथियों के सामूहिक द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना का गायन किया गया। इसके बाद प्रो.योगेश उपाध्याय ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कुलसचिव आरके बघेल ने कहा कि आज के समय में एंटरप्रेन्योरशिप अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमको किसी भी स्टार्टअप को छोटे से रूप से शुरू करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो.डीएन गोस्वामी ने कहा कि जो स्टार्टअप आपके दिमाग में आए उसके बारे में एक्सपर्ट से सलाह लें तभी आगे बढ़ें। हमारे पास सबसे अधिक युवा है जो स्टार्टअप को बढ़ावा दे सकते हैं। कार्यक्रम के दौरान उद्यम सेतु एप लांच किया गया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।तत्पश्चात कार्यक्रम में चर्चा सत्र का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को स्टार्टअप के बारे में आधारभूत जानकारी दी गई एवं छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जबाव भी दिए गए।

कार्यक्रम का संचालन रिद्धि उप्पल व यश ने किया। डॉ.शांतिदेव सिसौदिया के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर कृतिका प्रधान,नवीन सिंह परमार, देवेश गुप्ता,अक्षत अग्रवाल,स्वाति गुप्ता,खुशबू टंडन,अभिषेक त्रिपाठी, कृष्णकांत सहित शोधार्थी व छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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