Health News: कैंसर से जंग… 5 चीजें जो 50% तक कम कर सकती हैं कैंसर का खतरा, अपनाएं और रहें सुरक्षित

कैंसर की समय पर पहचान और जांच से इसे शुरुआती स्टेज पर ही रोका जा सकता है। इस प्रकार कैंसर के फैलने के पहले ही उसे कंट्रोल किया जा सकता है...

Health News: कैंसर आज पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। हर साल लाखों लोग कैंसर के कारण अपनी जान गंवाते हैं, और यह मृत्यु का एक प्रमुख कारण बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में कैंसर तेजी से फैलने वाली घातक बीमारी बन गया है, जिसका प्रमुख कारण जीवनशैली में बदलाव और बढ़ती आबादी है। भारत में कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद, जागरूकता की कमी और देरी से इलाज मिलना बड़ी समस्याएं हैं।

शारीरिक गतिविधियों की कमी

भारत में सबसे अधिक पाए जाने वाले कैंसर प्रकार माउथ कैंसर, सर्विकल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और फेफड़ों के कैंसर हैं, जिनका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन, अनहेल्दी आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, और एचपीवी जैसे संक्रमण हैं। हालांकि, कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाकर, समय पर टीकाकरण और नियमित जांच से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कैंसर से बचाव के उपाय

रिसर्च सेंटर के अनुसार, दुनियाभर में होने वाले लगभग 50% कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है। इसके लिए कुछ आदतों में बदलाव करना जरूरी है। सबसे पहले तंबाकू का सेवन छोड़ना चाहिए। दूसरी महत्वपूर्ण बात है, हेल्दी खाना खाना। तीसरी बात, एचपीवी और हेपेटाइटिस टीकाकरण कराना, चौथी बात, नियमित जांच कराना और पांचवी, कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना। इन उपायों से कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

कैंसर को फैलने से कैसे रोका जाए?

कैंसर की समय पर पहचान और जांच से इसे शुरुआती स्टेज पर ही रोका जा सकता है। इस प्रकार कैंसर के फैलने के पहले ही उसे कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे जीवन की बचने की संभावना बढ़ जाती है। भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर मृत्यु का प्रमुख कारण है, लेकिन यदि इसका टीकाकरण और स्क्रीनिंग समय पर हो, तो इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।

विश्व कैंसर दिवस 2025

हर साल 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। इस वर्ष, विश्व कैंसर दिवस की थीम ‘यूनाइटेड बाय यूनिक’ है, जिसका उद्देश्य कैंसर के खिलाफ लोगों की यूनिक स्टोरीज को साझा करना है। कैंसर के खिलाफ जंग में कोई भी पीछे नहीं रहना चाहिए, तभी हम इसे हराकर जीत सकते हैं।

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