सपा का गढ़ रही रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीट में बीजेपी ने कैसे की बड़ी सेंधमारी? यह है बड़ा कारण…

लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट है कि भाजपा का चुनावी अभियान बेहद सफल रहा. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव चुनावी अभियानों से बिल्कुल नदारद रहे.

उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ और रामपुर हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा का अभेद्य किला ढहता हुआ नजर आ रहा है. सपा के दिग्गज नेता आजम खां के गढ़ रामपुर में सपा का दुर्ग लगभग ढह चूका है और भाजपा के घनश्याम लोधी ने सपा के आसिम राजा को 42 हजार वोटों से करारी शिकस्त दी है.

वहीं आजमगढ़ लोकसभा सीट से भाजपा के निरहुआ लगातार 10 हजार से अधिक वोटो से आगे चल रहे हैं. भाजपा के तमाम नेताओं का यह दावा था कि दोनों सीटों पर कमल खिलेगा और उपचुनाव में बीजेपी के दोनों नेता रिकॉर्ड वोटों से जीतेंगे. वहीं सीएम योगी ने आजमगढ़ में भाजपा उम्मीदवार निरहुआ के पक्ष में जनसभा को भी संबोधित किया था.

लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से यह स्पष्ट है कि भाजपा का चुनावी अभियान बेहद सफल रहा. वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव चुनावी अभियानों से बिल्कुल नदारद रहे. निश्चित रूप से अखिलेश का यह रवैया सपा के लिया भारी पड़ा है और कभी समाजवादी पार्टी का गढ़ रहीं दोनों लोकसभा सीटों से सपा का सूपड़ा लगभग साफ हो चूका है.

बहरहाल, आजमगढ़ में सपा के धर्मेंद्र यादव और भाजपा के निरहुआ के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है लेकिन जिस तरह से निरहुआ लगातार 10 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं, ऐसा लगता है कि आजमगढ़ से भी सपा का सफाया होना निश्चित है.

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