Amethi-Rae Bareli से गांधी परिवार नहीं तो कौन? ये चेहरे रेस में हैं सबसे आगे !

जानकारों का मानना है कि अगर रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ती हैं तो गांधी परिवार का कोई करीबी नेता ही वहां से किस्मत आजमाएगा।

लोकसभा चुनाव को लेकर छिड़ी जंग के बीच उत्तर प्रदेश में दो सीटों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। खबर है कि अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट से गांधी परिवार ने दुरी बनाने का मन बना लीया है। हालांकि, ये दोनों सीटें कांग्रेस का गढ़ मानी जाती हैं। इस खबर के सामने आते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उम्मीद पर पानी फिर गया है।

दरअसल, लोकसभा चुनाव में गांधी परिवार का कोई भी सदस्य इन दोनों सीट से चुनाव नहीं लड़ेगा। ऐसा दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस वहां से नए उम्मीदवार को मैदान में उतार सकती है। इस खबर के बाद अब उत्तर प्रदेश की दो लोकसभा सीटों अमेठी और रायबरेली को लेकर तरह तरह की अटकलें शुरू हो गईं है।

कांग्रेस समर्थकों के अंदर सवाल उठ रहा है कि इन दोनों सीटों से कांग्रेस का उम्मीदवार अब कौन होगा ? क्या राहुल गांधी अमेठी में वापसी करेंगे या फिर उन्होंने अमेठी से उम्मीद छोड़ दी है। देखा जाए तो लम्बे समय से इन दोनों सीटों से चुनाव लड़कर गांधी परिवार के कई दिग्गज लोकसभा तक पहुंचे हैं।  

मगर इस बार एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी हैं, जिन्होंने साफ़ कर दिया है कि वो लोकसभा चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगी तो दूसरी तरफ राहुल हैं, जो इस बार भी वायनाड से लोकसभा पहुंचने का रास्ता तलाशने में लगे हुए हैं। वहां से तो राहुल गांधी की उम्मीदवारी का ऐलान भी हो चुका है। यानि कुल मिलाकर अमेठी और रायबरेली की अपनी परंपरागत सीट पर गांधी परिवार इस बार किसी और को मौका दे सकती है।

ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कौन वो उम्मीदवार होगा जो रायबरेली सीट की कमान संभालेगा और कौन अमेठी से अपनी किस्मत आजमाएगा ?

इस बीच सियासी जानकारों का मानना है कि अगर रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ती हैं तो गांधी परिवार का कोई करीबी नेता ही होगा जो वहां से अपनी किस्मत आजमाएगा। इस बीच रायबरेली से किशोरी लाल शर्मा का नाम रेस में आगे है। केएल शर्मा सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि हैं, जो आजकल चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं। साथ ही पिछले 20 साल से रायबरेली में वो सोनिया गांधी का काम भी देख रहे हैं।

वहीं, अमेठी को लेकर भी कुछ ऐसी ही उम्मीद लगाई जा रही है। यहां से भी गांधी परिवार का कोई करीबी ही अपनी किस्मत खोल सकता है। फिलहाल इस लिस्ट में नाम कई है, मगर उम्मीदवार कौन होगा इसपर कांग्रेस अभी तक मौन है। गौरतलब है कि कांग्रेस गठबंधन छोड़ बाकी सभी पार्टियों ने चुनावी मैदान में बिसात बिछाने का काम शुरू कर दिया है। खैर, इन दोनों सीटों पर नामांकन में अब सिर्फ तीन दिन का वक्त ही शेष बचा है। ऐसे में कांग्रेस के कदम का न सिर्फ उसके समर्थक बल्कि विपक्ष को भी बेसब्री से इंतजार है।

Related Articles

Back to top button