इमर्सिव टेक्नोलॉजी की बदौलत G-20 में दिखी भारत के प्राचीन संस्कृति की झलक

भारत के प्राचीन मंदिर जैसे रानी की वाव (पाटण, गुजरात), बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर) और शोर मंदिर (महाबलीपुरम) के 3 डी प्रिंटेड मॉडल्स दिखाए गए...

अब तक तीन शहरों चेन्नई,अमृतसर और भुवनेश्वर में Education Working Group (EdWG) द्वारा मीटिंग्स संचालित की गई हैं, Who VR™ एक बैंगलोर आधारित टेक स्टार्टअप है, Who VR™ शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) डिवीज़न के तहत आगे बढ़ चढ़ कर आभासी वास्तविकता (वीआर), संवर्धित वास्तविकता (एआर), 3डी स्कैनिंग और 3डी प्रिंटिंग जैसी प्रभावशाली तकनीकों के माध्यम से भारत की प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को दर्शाया गया।

Who VR™ का उद्देश्य कला, मंदिर वास्तुकला, खगोल विज्ञान और कल्याण जैसे प्राचीन विज्ञानों के क्षेत्र में प्रामाणिक जानकारी के साथ साइटों और मंदिरों के गहरे अनुभवों के माध्यम से कहानी कहने को बढ़ावा देना है। सदस्य देशों के लगभग 80 प्रतिनिधियों इन 3 डी प्रिंटेड मॉडल्स को देखते हुए इनका अनुभव लिया, भारत के प्राचीन मंदिर जैसे रानी की वाव (पाटण, गुजरात), बृहदेश्वर मंदिर (तंजावुर) और शोर मंदिर (महाबलीपुरम) के 3 डी प्रिंटेड मॉडल्स दिखाए गए साथ ही साथ आभासी वास्तविकता (वीआर) और संवर्धित वास्तविकता (एआर) की मदद से लोगों को इन मंदिरो का अनुभव कराया गया।

इन स्मारकों ने जलवायु और संरक्षण पर वर्तमान फोकस को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण और बाढ़ प्रतिरोधी संरचनाओं जैसे प्राचीन ज्ञान के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया। सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने आधुनिक, इमर्सिव प्रौद्योगिकियों के माध्यम से प्राचीन तकनीकी चमत्कारों का अनुभव करने के लिए कतारबद्ध किया और पूर्ण आश्चर्य व्यक्त किया और साथ ही, भविष्य में इन तकनीकों को अपने करियर पथ के रूप में लेने में गहरी रुचि व्यक्त की।

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार 10000 से भी अधिक लोगों ने इन प्राचीन मंदिरो और भारत की पुरातन सभ्यता का अनुभव किया, शिक्षा मंत्रालय का यह भी कहना है की वर्त्तमान युवा पीढ़ी भी अब भारत की संस्कृति और सभ्यता में काफ़ी रूचि लेने लग गयी है।

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