अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस 2022: ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए वनों का योगदान अहम, जानिए, क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस?

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने सभी प्रकार के वनों की महत्ता के बारे में जागरूकता को बढ़ाने और वन्य विविधता को सम्मानित करते हुए साल 2012 से प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की।

धरती पर वृक्षों के बिना जीवन के संभावना की कल्पना नहीं की जा सकती। धरती पर जीवन को बनाए रखने में वनों और वृक्षों की अभूतपूर्व भूमिका रही है। इस विचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दुनिया में हर साल 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है। ये वन जानवरों और मनुष्यों को भोजन, पानी और आश्रय प्रदान करते हैं। इन्हीं के जरिए तमाम तरह की पर्यावरणीय समस्याओं से निजात पाई जा सकती है।

बाढ़ और जलवायु परिवर्तन जैसी जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली घटनाओं के प्रभाव को जंगल या वन ही कम कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक आंकड़ें के मुताबिक, 60,000 से अधिक वृक्ष प्रजातियों के साथ ये वन, दुनिया की लगभग 80 प्रतिशत स्थलीय जैव विविधता का घर हैं। फिर भी, हम हर साल एक द्वीप के बराबर और लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर जंगल खो रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने सभी प्रकार के वनों की महत्ता के बारे में जागरूकता को बढ़ाने और वन्य विविधता को सम्मानित करते हुए साल 2012 से प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मानाने की घोषणा की। UNGA की इस घोषणा ने वैश्विक देशों की तमाम सरकारों को हर स्तर पर वृक्षारोपण अभियान जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों को संगठित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इन्ही गतिविधियों के जरिए संयुक्त राष्ट्र फॉरेस्ट फोरम और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO), सरकारों और दूसरे पर्यावरणीय संगठनों को एक साथ एक मंच पर लाता है।

अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हर साल एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2022 के लिए अंतराष्ट्रीय वन दिवस की थीम ‘वन और सतत उत्पादन और खपत’ है। वनों का टिकाऊ प्रबंधन और इसके संसाधनों का समुचित उपयोग, जलवायु परिवर्तन को रोकने और वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों की समृद्धि और कल्याण में योगदान के लिए बेहद अहम है।

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