लखीमपुर खीरी हिंसा: SIT और मोनिटरिंग जज ने आशीष मिश्रा की ज़मानत को रद्द करने की सिफारिश किया

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार रवैये पर सवाल उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में SIT और सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मोनिटरिंग जज ने रिपोर्ट में आशीष मिश्रा की ज़मानत को रद्द करने की सिफारिश किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार तक सभी पक्षों को SIT की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब सोमवार को होगी।

सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि गया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई लखीमपुर खीरी हादसे की जांच कर रही रिटायर जज की कमेटी ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की सिफारिश किया। रिटायर जज की कमेटी ने सिफारिश किया कि आशीष मिश्रा की ज़मानत को रद्द करने को लेकर यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करनी चाहिये। याचिकाकर्ता दुष्यंत दवे ने कहा आरोपी की जमानत रद्द की जाय या हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाय, क्योंकि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते समय तथ्यों की अनदेखी की है। हाई कोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत देते समय अपने विवेक का प्रयोग नही किया।

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि ऐसा लग रहा है कि जाँच की निगरानी करने वाले SIR की रिपोर्ट आरोपी का बेल रद्द करने के पक्ष में हैं। आपकी क्या राय है। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इस सम्बंध में हम सरकार से निर्देश लेकर ही बता सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से लखीमपुर खीरी मामले में आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने पर अपना रुख पूछा? एसआईटी ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि मिश्रा को दी गई जमानत को चुनौती दी जानी चाहिए और रद्द किया जाना चाहिए।

इससे पहले लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती देने वाली याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हल्फनामा दाखिल कर कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में आशीष मिश्रा की ज़मानत का कड़ा विरोध किया था। यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा कि राज्य सरकार आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनाव देने पर विचार कर रही है। यूपी सरकार ने हलफनामे में कहा था कि मामले में एक गवाह पर हमले और धमकी का आरोप गलत है। यह होली का रंग डालने से जुड़े विवाद में 2 पक्षों के बीच मारपीट का मामला है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि राज्य सरकार ने मामले में अब तक 98 गवाहों को सुरक्षा दी है। पुलिस सभी गवाहों से नियमित रूप से संपर्क करती है ताकि उन की सुरक्षा की स्तिथि का आंकलन किया जा सके।

बता दें 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को मिली ज़मानत दे दी थी जिसको पीड़ित किसान परिवार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा कि ज़मानत देते समय अपराध की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया। राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील करनी चहिए थी पर राज्य सरकार ने आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती नहीं दी।

Related Articles

Back to top button