Loksabha सलेमपुर… पलायन, बेरोजगारी मुख्य मुद्दा….जानिए सीट का इतिहास

1990 में मंडल और कमंडल की राजनीति में कांग्रेस यहां हांसिये पर चली गई। 2014 के चुनाव में पहली बार यहां भाजपा को जीत मिली थी।

Report-मनीष कुमार मिश्र
देवरिया: जिले की सलेमपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी 1990 में मंडल और कमंडल की राजनीति में कांग्रेस यहां हांसिये पर चली गई। 2014 के चुनाव में पहली बार यहां भाजपा को जीत मिली थी। 2019 में भी भाजपा यहां कामयाब रही। अब तक के चुनाव में यहां 6 बार कांग्रेस 2 बार भाजपा 2 बार बसपा 2 बार जनता दल 2 बार सपा और बाकी सोशलिस्टों ने जीत हासिल की है। 1984 में यहां आखिरी बार कांग्रेस को जीत मिली । भाजपा ने यहां से सांसद रवींद्र कुशवाहा को तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है ।

देवरिया से बलिया तक 5 विधानसभा सीटें

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें हैं। जिसमें भाटपार रानी और सलेमपुर विधानसभा सीट देवरिया जिले में है जबकि बेल्थरा रोड सिकंदरपुर और बांसडीह विधानसभा सीटे बलिया जिले में पड़ती है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सलेमपुर सुरक्षित विधानसभा सीट से भाजपा की विजयलक्ष्मी गौतम भाटपाररानी से भाजपा के सभा कुंवर कुशवाहा विजयी हुए । बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा सीट पर भाजपा से केतकी सिंहए बेल्थरा रोड सुरक्षित विधानसभा सीट से सुभासपा के हंसूराम और सिकंदरपुर से समाजवादी पार्टी के जियाउद्दीन रिजवी विधायक बने ।

1984 से लगातार हार रही है कांग्रेस

सलेमपुर लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी। 1957 से लेकर 1984 तक सात बार हुए लोकसभा के चुनाव में छह बार कांग्रेस को जीत मिली थी। बीच में 1977 में इमरजेंसी से उपजे आक्रोश के चलते कांग्रेस यहां हार गई और भारतीय लोक दल के रामनरेश कुशवाहा चुनाव जीते 03 साल 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सीट वापस ले ली। 1980 एवं 1984 के चुनाव में कांग्रेस को लगातार यहां से जीत मिली और दोनों बार कांग्रेस के राम नगीना मिश्रा सांसद बने। 1984 के बाद 1989 में हुए चुनाव में वह बोफोर्स कांड मुद्दा बना और जनता दल के हरि केवल प्रसाद ने कांग्रेस के राम नगीना मिश्रा को भारी मतों से चुनाव हराया। तब से लेकर अब तक कांग्रेस को यहां जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव कांग्रेस की उम्मीदवार डॉक्टर भोला पांडेय ने अच्छा वोट पाया था। 2009 में कांग्रेस के भोला पांडेय बसपा के रमाशंकर राजभर से मात्र 18 हजार वोटो से ही चुनाव हारे थे।

2014 से भाजपा के रविंद्र कुशवाहा है सांसद

2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक में कांग्रेस यहां चौथे स्थान पर पहुंच गई । 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का यहां पहली बार खाता खुला था और रविंद्र कुशवाहा 50 फ़ीसदी से अधिक वोट पाकर भारी मतों से चुनाव जीते थे। 2019 में भाजपा ने यह सीट बरकरार रखी और रविंद्र कुशवाहा दूसरी बार भी भारी मतों से चुनाव जीते। इस बार के चुनाव में भाजपा ने फिर रविंद्र कुशवाहा को ही उम्मीदवार बनाया है। रविंद्र कुशवाहा के पिता हरि केवल प्रसाद भी विभिन्न दलों से यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं।

1957 से 2019 तक के चुनाव में जीते सांसद

1957 से लेकर 2019 तक के चुनाव में 1957 में कांग्रेस के विश्वनाथ रायए 1962 और 1967 में कांग्रेस के विश्वनाथ पांडेयए 1971 में कांग्रेस के तारकेश्वर पांडेय चुनाव जीते। इमरजेंसी के चुनाव में इमरजेंसी से उपजे जनाक्रोश के चलते कांग्रेस हार गई और लोक दल के रामनरेश कुशवाहा चुनाव जीते। 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस को फिर जीत मिली और दोनों बार राम नगीना मिश्रा सांसद बने। 1989 में बोफोर्स कांड की हवा में कांग्रेस हार गई। 1989 और 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के हरि केवल प्रसाद जीते। 1996 में समाजवादी पार्टी से हरिवंश सहायए 1998 में हरि केवल प्रसाद जीते। 1999 में यहां बसपा का खाता खुला और बब्बन राजभर चुनाव जीते। 2004 में समाजवादी पार्टी से हरकेवल प्रसादए 2009 में बसपा से रमाशंकर राजभर चुनाव जीते। 2014 में पहली बार यहां भाजपा जीती और रविंद्र कुशवाहा एमपी बने। 2019 के चुनाव में भी भाजपा दोबारा यहां से चुनाव जीती।

पिछड़ी जाति के मतदाताओं की है बाहुल्यता

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र में पिछड़ी जाति खासकर कुर्मी जाति ; कुशवाहाद्ध के मतदाताओं की संख्या अधिक है। एक अनुमान के मुताबिक यहां 15 फ़ीसदी ब्राह्मणए18 फ़ीसदी कुर्मीए मौर्यए कुशवाहाए 14 फ़ीसदी राजभरए15 फ़ीसदी अनुसूचित जातिए 02 फीसदी यादवए 4 फीसदी क्षत्रियए 13 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जाति के मतदाता है। जबकि लगभग 4 फीसदी वैश्यए 2 फ़ीसदी कायस्थ 2 फ़ीसदी सैंथवार और 4 फीसदी निषाद व बाकी अन्य जाति के मतदाता है।

सांसद रविंद्र कुशवाहा एक बार फिर उम्मीदवार
2019 के लोकसभा चुनाव में सलेमपुर लोकसभा सीट पर प्रमुख दलों में भाजपा के रविंद्र कुशवाहा 467241 वोट पाकर चुनाव जीते थे। सपा बसपा गठबंधन के आर एस कुशवाहा को 354764 वोट मिले थे। सुभासपा के राजा राम को 33520 तथा कांग्रेस के राजेश मिश्रा को 27288 वोट मिले थे। भाजपा ने इस बार भी इस सीट पर सांसद रविंद्र कुशवाहा को टिकट दिया है। कांग्रेस और सपा गठबंधन में यह सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से में है।

बेरोजगारी और पलायन है मुख्य मुद्दा

सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता की माने तो बेरोजगारी यहां मुख्य मुद्दा है। आजादी के लगभग 75 वर्षों बाद भी यहां कोई इंडस्ट्री नहीं स्थापित हो सकी। जिसकी वजह से युवाओं का पलायन जारी है। स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में भी सलेमपुर में कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। पिछले कई वर्षों से सलेमपुर को जिला बनाने की मांग हो रही है मगर वह मामला भी ठंढे बस्ते में है। आचार संहिता लगने से 1 दिन पूर्व सलेमपुर में बस स्टेशन का शिलान्यास हुआ है। शाम को 7 बजे के बाद यहां से कोई बस बाहर के लिए नहीं जाती है। जिसके चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है या लोकसभा सीट बिहार राज्य के कई बॉर्डर सीमाओं से लगा हुआ है।

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