
प्रयागराज महाकुंभ के पलट प्रवाह का असर वाराणसी में लगातार देखने को मिल रहा है। मौनी अमावस्या और माघ पूर्णिमा के बाद संगम नगरी से वाराणसी के लिए श्रद्धालुओं का आगमन जारी है। बढ़ती हुई भीड़ को देखते हुए काशी में 11 फरवरी से गंगा आरती को सांकेतिक रूप से संपन्न करने का निर्णय लिया गया था, और अब इसे 26 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है। प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार, वाराणसी के दशास्वामेध घाट पर गंगा आरती अब सांकेतिक रूप से ही होगी।
वाराणसी के विभिन्न घाटों पर प्रतिदिन माँ गंगा की आरती होती है, जिसे देखने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। महाकुंभ के दौरान गंगा आरती के दृश्य को देखने के लिए शाम होते ही घाटों पर भारी भीड़ जुट जाती है। दशास्वामेध घाट पर गंगा आरती के आयोजक सुशांत मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि महाकुंभ के पलट प्रवाह के कारण श्रद्धालुओं का आना लगातार बढ़ रहा है।
11 फरवरी से ही गंगा घाट पर सांकेतिक आरती शुरू की गई थी, जिसमें एक अर्चक द्वारा माँ भगवती की पूजा अर्चना की जाती है और सीमित संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं। गंगा आरती में अधिक भीड़ न हो, इसके लिए आयोजकों ने ऑनलाइन माध्यम से लोगों से जुड़ने की अपील की थी। इसके बावजूद, दो दिन बाद ही घाटों पर भारी भीड़ नजर आने लगी, जिसके कारण प्रशासन ने गंगा आरती को अब 26 फरवरी तक सांकेतिक रूप से आयोजित करने का निर्णय लिया है।
इस निर्णय का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सामाजिक दूरी सुनिश्चित करना है। अब 16 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक वाराणसी के गंगा घाट पर सांकेतिक रूप से ही माँ गंगा की आरती संपन्न होगी।