कांग्रेस नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी खेमे में हलचल मची हुई है. विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कवायद में जुटा हुआ है. इसी क्रम में सोमवार को राज्यों के प्रमुख विपक्षी दलों के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इकठ्ठा हुए और कई मुद्दों को लेकर घंटों बैठक बैठक चली.
खरगे के आवास पर चली विपक्षी दलों की बैठक में द्रविड़ मुनेत्र, NCP, JDU, BRS, CPM, CPI, AAP, MDMK, KC, TMC, RSP, RJD, J&K NC, IUML, VCK, SP और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता शामिल हुए. बैठक के दौरान केंद्र की भाजपा सरकार को संसद में महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों पर घेरने को लेकर रणनीति बनी.
इस बैठक में आप सांसद संजय सिंह, सपा महासचिव रामगोपाल यादव, सपा सांसद एस टी हसन, JDU नेता लल्लन सिंह, समेत 14 विपक्षी दलों के दिग्गज नेता शामिल हुए. इसके अलावा कांग्रेस की भूतपूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, प्रमोद तिवारी समेत कई दिग्गज कांग्रेसी ने मौजूद रहे.
बता दें कि राहुल की सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी दलों की एकजुटता देखने को मिल रही है. हालांकि 2024 के केंद्रीय चुनावों की लिहाज से देखें तो विपक्षी दलों की एकजुटता की तस्वीर अवसरवादी सी लगती है.
एक तरफ जहां यूपी जैसे बड़े राज्य के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, कांग्रेस को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रही है तो वहीं दूसरी तरफ सपा के दिग्गजों का कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर हुई बैठक में शामिल होना एक बड़ा और अहम संकेत हो सकता है. बहरहाल, सवाल ये है कि क्या वास्तव में विपक्ष 2024 के पहले एकजुट हो सकेगा या नहीं.