पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर एक बडा बयान दिया और कहा कि, बीजेपी अगर उन्हें ये पहले ही बता देती की वह द्रौपदी मुर्मू को अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना रही है तो वह उनका सर्मथन करती। जिससे उन्हें सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था।
इसी दौरान ममता बनर्जी ने ये भी कहा कि उनके मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है। बता दे कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा मैदान में हैं। जिनका नाम ममता बनर्जी ने ही आगे किया था। बताते चले की झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु का जीवन कई संघर्षो से भरा हुआ है। ओडिशा में 20 जून 1958 को द्रौपदी मुर्मु का जन्म हुआ। उनके पिता बिरंची नारायण तुडू थे। उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था। उनकी बेटी इतिश्री मुर्मू हैं।
द्रौपदी मुर्मू दो बेटे और एक बेटी हुई। द्रौपदी मुर्मू के दोनों बेटों की मृत्यु हो गई और फिर समय के साथ उनके पति भी साथ छोडकर हमेशा के लिए पंचतत्व में विलीन हो गए। इन कठिनाइयों के बाद भी उन्होने हार नही मानी। उन्होंने जूनियर असिस्टेंट के रूप में 1979 में ओडिशा सरकार में काम के साथ अपने करियर की शुरूआत की थी। बाद में वे राजनीति में आ गईं और विधायक चुनी गईं।