
राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि अब तक 68,000 से अधिक जल स्रोतों को ‘मिशन अमृत सरोवर’ के तहत निर्माण या पुनर्जीवित किया जा चुका है। यह मिशन 2022 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) का निर्माण या पुनर्जीविकरण करना था, जिसके तहत देशभर में कुल 50,000 तालाब बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया था।
पासवान के जवाब के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 16,630 अमृत सरोवर हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 5,839, कर्नाटका में 4,056 और राजस्थान में 3,138 अमृत सरोवर बने हैं। उन्होंने कहा कि इस पहल ने जल संकट के गंभीर मुद्दे को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और विभिन्न क्षेत्रों में सतही और भूजल की उपलब्धता बढ़ाई है।
पासवान ने यह भी बताया कि इस कार्य को राज्य और जिले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA), 15वें वित्त आयोग के अनुदान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उप-योजनाओं जैसे जलसंरक्षण, “हर खेत को पानी” और राज्य की अन्य योजनाओं के साथ मिलकर पूरा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक योगदान जैसे क्राउडफंडिंग और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) का भी इस कार्य में योगदान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि मिशन अमृत सरोवर का दूसरा चरण जल उपलब्धता पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें समुदाय की भागीदारी पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन को मजबूत करना, पारिस्थितिकी संतुलन को बढ़ावा देना और भविष्य पीढ़ियों के लिए स्थायी लाभ प्रदान करना है। मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया कि लोग निर्माण सामग्री दान करके और स्वयंसेवी रूप से इस मिशन में भाग ले सकते हैं।