यादों में मुलायम: नेता जी और साहेब के रिश्ते की दी जाती है मिशाल, हर परिस्थिती में साथ रहें हैं खड़े

मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की दोस्ती को कौन नही जानता है। आजम खां और मुलायम सिंह का राजनीतिक रिश्ता बहुत पुराना है

मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की दोस्ती को कौन नही जानता है। आजम खां और मुलायम सिंह का राजनीतिक रिश्ता बहुत पुराना है। मुलायम सिंह आजम खां के लिए कितने खास थे इसका नेता जी के अंतिम संस्कार की तस्वीरों से समझा जा सकता है। आजम खां खुद काफी समय सें बीमार चल रहें हैं पिछलें महीने ही दिल की नस ब्लॉक होने की वजह से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे और अभी भी उनकी स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं। नेता जी का जाना आजम खां के लिए एक अपूर्णीय क्षति हुई है।

आजम खां बीमार होने के बावजूद दो डाक्टरों की देखरेख में बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ सैफई पहुंच गए। आजम खां के मुलायम सिंह से बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं इसी लिए इनके रिश्ते की मिसाल दी जाती है। राजनीति में मुलायम सिंह यादव और आजम खां की जोड़ी हर परिस्थिती में एक साथ रही। राजनीति में कई उतार-चढ़ाव आए यहां तक की आजमं खां को पार्टी से बाहर तक जाना पड़ा पर दोनों लोगों की दोस्ती में कहीं कोई कमी नहीं आई है। 2012 में अखिलेश यादव का मुख्यमंत्री बनाना हो या अन्य कोई भी निर्णय हो आजम खां मुलायम सिंह के साथ खड़े रहें। 30 साल पुरानी इस दोस्ती का एक हिस्सा टूट गया है।

राजनीतिक मतभेद के कारण रिश्ते भले ही तल्ख रहे हो पर दोनों लोगों की दोस्ती बहुत ही अनोखी रही है। मुलायम सिंह यादव और आजम खां के एक दूसरे का बुलाने का तरीका भी लोगों को बीच चर्चा का विषय रहा है। जहां आजम मुलायम सिंह यादव को नेता जी बुलाते थे तो मुलायम सिंह आजम खां को साहेब कह कर बुलाते थे। दोनों ने राजनीतिक सफर साथ चलना शुरु किया और अन्त तक साथ ही रहे। अब यह रिश्ता टूट गया है। आजम खां आँख में आंसू लिए अभी तक हर काम में एक मजबूत रिश्ता निभाने वाले और हर काम में अंजाम तक पहुंचाने वाले उनके नेता जी के पास खड़े अपने रिश्ते को याद कर रहे हैं।

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