
दिल्ली -NCR में प्रदूषण के मामले में सुप्रीम कोर्ट दिल्ली NCR एयर क़्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन की ओर से पांच सदस्यों की टास्क फोर्स और फ्लाइंग स्क्वाड के गठन पर सन्तुष्ट नज़र आया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को निर्देशों पर अमल करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अस्पतालों में निर्माण कार्य की इजाज़त दी। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को बॉयलर चलाने की अनुमति मांग के लिए वायु गुड़वत्ता निगरानी आयोग (CAQM) के पास जाने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के वकील रंजीत कुमार ने यूपी में गन्ना मिलों के बॉयलर चलाने की अनुमति मांगी। यूपी सरकार के वकील ने कहा कि यह गन्ना आधारित उद्योग चलाने का समय, गन्ना मिलों के बॉयलर 48 घंटे चालू रखने के बाद काम के लायक होता है, अभी सिर्फ 8 घंटे चलाने की इजाज़त है, जिससे किसनो का नुकसान हो रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि गन्ना मिलों के बॉयलर चलाने की इजाज़त दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि NCR में कितनी गन्ना मील है? यूपी सरकार ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गजरौला, मेरठ, बागपत में चीनी मील हैं। यूपी के वकील रंजीत कुमार ने कहा उत्तर प्रदेश से हवा दिल्ली नहीं आ रही, हम खुद हवा के बहाव के क्षेत्र में हैं, हवा पाकिस्तान की तरफ से आ रही है। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा तो क्या आप पाकिस्तान के उद्योग बंद करवाना चाहते हैं?

मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने हलफनामा दाखिल किया है। एक पांच सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया गया, टास्क फोर्स में दो स्वतंत्र सदस्य हैं। टास्क फोर्स इसकी बैठक हर शाम 6 बजे होगी। फ्लाइंग स्क्वाड हर शाम टास्क फोर्स को रिपोर्ट देंगे। टास्क फोर्स हफ्ते में पांच दिन काम करेगा। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि क्या टास्क फोर्स सिर्फ दिल्ली में काम करेगा? सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि टास्क फोर्स और फ्लाइंग स्क्वाड पूरे एनसीआर क्षेत्र में काम करेगा।
दिल्ली सरकार की तरफ से वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा हमें 27 हस्पतालों में कोविड से जुड़ी नई सुविधाओं का विकास के लिए अस्पतालों का निर्माण करना है। इस निर्माण को रोकना जनहित में नहीं सही होगा। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हम इससे सहमत हैं। अस्पतालों के निर्माण को अनुमति मिलनी चाहिए। दिल्ली सरकार की तरफ वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि हमने हलफनामा दाख़िल किया है, सेंट्रल कमीशन के कहने पर हमने स्कूल खोले थे, अभी स्कूल दुबारा बंद कर दिए गए है, नवंबर में स्कूल सिर्फ 15-16 दिन के लिए खोले गए थे।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि मीडिया में कुछ जगह ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे हम विलेन हैं। दिल्ली के बच्चों का स्कूल बंद करवा देना चाहते हैं। स्कूल दिल्ली सरकार ने बन्द किया है। कोर्ट ने कब कहा कि स्कूल बंद करा जाए। दिल्ली के वकील अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि यही हमारी शिकायत है कि कार्रवाई को गलत रिपोर्ट किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने मनुसिंघवी से कहा कि प्रेस की बोलने की आज़ादी पर रोक नहीं लगा सकते आप राजनीतिक पार्टी से आप प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं लेकिन हम नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप देखिए कि ऐसा क्यों हुआ है। मनुसिंघवी ने कहा कि राजनीतिक पत्रकारिता कोर्ट की पत्रकारिता से अलग होती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पता नहीं चलता कौन क्या रिपोर्ट करता है। याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि सरकार की तरफ से दाखिल किए गए जवाब से हम आश्वस्त नहीं हैं। वकील विकास सिंह ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकार सोलर पावर प्लांट क्यों नही बनाती ताकि थर्मल पावर प्लांट को बंद किया जा सके।
स्टोरी- अवैश उस्मानी