रिपोर्ट- लोकेश राय
यूपी के जिला गाजियाबाद में इंपोर्टेड विदेशी शराब का बड़ा गोडाउन पकड़ा गया है। आबकारी विभाग ने गोदाम से करीब चार करोड़ रुपए कीमत की विदेशी शराब पकड़ी है। यह शराब इंग्लैंड, जापान, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी समेत कई देशों से इम्पोर्ट कर मंगाई गई है। आबकारी विभाग ने मौके से 4 लोगो को गिरफ्तार किया गया है। गोदाम का मालिक मौके से फरार है। आबकारी अधिकारी ने बताया कि शराब का असल मालिक कुनाल चावला है। उसी के नाम से सेंट्रल बांड जारी है।
मुरादाबाद से पकड़ी गई शराब से हुआ खुलासा
मुरादाबाद में मंगलवार की शाम को इम्पोर्टेड शराब की 60 बोतल पकड़ी गई थी। जानकारी के बाद टीम वेयर हाउस तक पहुंची। बुधवार को शराब के गोडाउन पर रेड की कार्रवाई मेरठ जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त महेंद्र सिंह के नेतृत्व में हुई। यह वेयर हाउस गाजियाबाद के मोरटा गांव में चल रहा था। गाजियाबाद के जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह के बताया कि जैसे ही टीम वेयरहाउस पर पहुँची वहां ना तो उन्हें मौके पर लाइसेंस मिला और ना ही कोई स्टॉक रजिस्टर। वेयरहाउस के बाहरी हिस्से में काले रंग की पॉलीबैग में खुली शराब पैक मिली जिसे न डिमांड कही सप्लाई करना था। संयुक्त आबकारी आयुक्त ने बताया कि मुरादाबाद में पकड़ी गई शराब गाजियाबाद के इसी वेयर हाउस से भेजी गई थी। जिसके बोतल की बैच नंबर भी एक ही पाए गए है।
5240 पेटी शराब हुई बरामद
आबकारी टीम को वेयर हाउस से इंपोर्टेड शराब की 5240 पेटियां, 50 खाली बोरी, नीली पिन्नी के पैकेट का बंडल आदि सामान बरामद हुआ है। एक-एक बोतल की कीमत 15 हजार रुपए तक की है। कुल बरामद शराब की कीमत करीब चार करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके अलावा दो ट्रक और दो कार भी मौके पर मिली हैं। वेयर हाउस को सील कर दिया गया है। मौके पर एक ट्रक अनलोड किया जा रहा था जिसमे करीब 80 लाख की शराब मिली है। ट्रक और गोडाउन में कई टूटे हुए सील भी बरामद की गई है।
सेंट्रल एक्साइज का है लाइसेंस, यूपी में सेल का नही मिला कोई लाइसेंस
गाजियाबाद का प्रमुख शराब कारोबारी कुनाल चावला के नाम से सेंट्रल बांड है। मौके पर मौजूद लोग इस वेयर हाउस संचालन के संबंध में कोई कागजात नहीं दिखा पाए। उनके पास न तो इस शराब को रखने और न ही बेचने का कोई लाइसेंस था। सूत्रों ने बताया कि कुणाल के पास विदेश से शराब मंगाने और बेचने के लिए केंद्र सरकार से लाइसेंस मिला हुआ है, लेकिन यूपी से कोई लाइसेंस नहीं था। लेकिन उसके द्वारा इन शराब को ओपन मार्किट में बेचकर बड़ा मुनाफा कमाया जाता था।
टैक्स चोरी की विदेशी शराब होटलों में भी होती थी सप्लाई
आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन शराबा को दिल्ली और एनसीआर के बड़े होटलों को सप्लाई की जाती थी। टैक्स की चोरी की शराब बाजार से कम दामों पर खरीद उसे पेग के रेट पर बेचते थे। ऐसा करना कानून गलत है क्योंकि जिस राज्य में सेल के लाइसेंस नही है उस राज्य के किसी भी होटल को शराब नही बेची जा सकती।
फोन कॉल पर जानने वाले कस्टमर्स की डिमांड पर लक्ज़री कार से होती थी सप्लाई
जिला आबकारी अधिकारी राकेश सिंह ने बताया की गोडाउन पर काम करने वाले लोगों को ऊपर के लोगों के द्वारा कॉल कर बताए जाने के बाद ही इंपोर्टेड शराब की सप्लाई लग्जरी गाड़ियों से बायर को सप्लाई की जाती थी जब तक कुणाल या उसके लोगों के द्वारा फोन नहीं किया जाता तब तक किसी को शराब नहीं भेजी जाती थी मौके से एक i20 और फोर्ड इकोस्पोर्ट कार भी बरामद की गई है जिसमें भरकर शराब बायर को दी जाती थी। आबकारी विभाग ने इन गाड़ियों को भी कब्जे में लिया है साथ ही आबकारी अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई भी की जा रही है।