
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार को लेकर अपने अफसरों को जीरो टोलेरेंस की निति पर काम करने के लिए कह रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। भ्रष्टाचार मामलों की इसी कड़ी में लखनऊ के बड़े चिकित्सा संस्थान डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का भी नाम जुड़ गया है।
दरअसल, लखनऊ के लोहिया अस्पताल में ओपीडी और भर्ती मरीजों के पैसे में बड़ा घपला किया जा रहा है। मरीजों द्वारा ऑनलाइन फीस जमा करने के मामले में संस्थान के घोटालेबाजों ने करोड़ों हजम कर लिया है। बता दें कि ओपीडी और भर्ती मरीजों द्वारा अस्पताल में ऑनलाइन जमा की जाने वाली फीस संस्थान के खातों में पहुंच ही नहीं रही थी।
लंबे समय से चले आ रहे इस घोटाले में मरीजों के पैसों को लेकर अस्पताल के काउंटर से ही बड़ा खेल कर दिया जाता था। इस प्रकरण में घोटालेबाज शासन की नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला करने के बावजूद भी सुरक्षित रहे। भ्रष्टाचार का यह पूरा खेल तब सामने आया जब इस प्रकरण के सम्बन्ध में संस्थान के विरुद्ध के एक शिकायत सामने आई जिसमें इस बात का जिक्र था कि मरीजों द्वारा जमा की गई अस्पताल की फीस संस्थान के खाते में जा ही नहीं रही थी।
➡लोहिया संस्थान में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
— भारत समाचार (@bstvlive) April 1, 2022
➡लखनऊ के लोहिया अस्पताल में बड़ा घोटाला
➡ओपीडी और भर्ती मरीजों के पैसे में घपला
➡मरीजों के भर्ती की रकम अस्पताल के खातों में नहीं
➡अस्पताल के खातों में पैसे जमा नहीं हुए।@brajeshpathakup @UPGovt #Lucknow pic.twitter.com/cyLK09MULg
जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण की जद में लोहिया संस्थान की निदेशक की भूमिका संदिग्ध है। संस्थान के निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद पर आरोप है कि उन्होंने इस प्रकरण को लंबे समय से छिपाए रखा था और उनके संरक्षण में भ्रष्टाचार यह कुत्सित मामला चलता रहा। बहरहाल, इतने संगीन मामले में शासन की क्या कार्रवाई होती है यह देखने वाली बात होगी।