श्रीलंका में भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच बुलाई जाएगी संसद की बैठक, बड़े सियासी उलटफेर के आसार!

सोमवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा "पिछले ढाई वर्षों के दौरान हमारे सामने बड़ी चुनौतियां रहीं। महामारी, साथ ही कर्ज का बोझ, और हमारी ओर से भी कुछ गलतियां रहीं हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है. हमें उन्हें सुधार कर आगे बढ़ना होगा. हमें लोगों का विश्वास फिर से हासिल करने की जरूरत है."

आर्थिक रूप से बदहाली के दौर से गुजर रहे श्रीलंका में लगातार वहां के नागरिक प्रदर्शन कर रहे हैं. देश में चल रहे गंभीर आर्थिक चुनौतियों को लेकर श्रीलंका की जनता सड़कों पर है और लोगों के बीच रोष फैला हुआ है. इस पर अविश्वास मत की अटकलों के बीच श्रीलंका की संसद मंगलवार को फिर से बुलाए जाने की उम्मीद है.

हालांकि इससे पहले सोमवार को, श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने स्वीकार किया कि बिगड़ते आर्थिक हालातों के बीच नागरिकों का धैर्य टूट रहा है, और यह उचित भी था. सोमवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कहा “पिछले ढाई वर्षों के दौरान हमारे सामने बड़ी चुनौतियां रहीं। महामारी, साथ ही कर्ज का बोझ, और हमारी ओर से भी कुछ गलतियां रहीं हैं जिन्हें ठीक करने की जरूरत है. हमें उन्हें सुधार कर आगे बढ़ना होगा. हमें लोगों का विश्वास फिर से हासिल करने की जरूरत है.”

बता दें कि श्रीलंका में आर्थिक बदहाली के बाद सरकार की चौतरफा कड़ी आलोचना होने लगी थी. इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में कैबिनेट के लगभग सभी सदस्यों ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा दे दिया था. प्रदर्शनरत लोगों ने राष्ट्रपति और उनके भाई, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की भी मांग की.

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