पटना; पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार 4 मई को जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी. जातिगत जनगणना बिहार राज्य सरकार द्वारा शुरू कराई जा रही थी. बिहार सरकार ने इस साल के जनवरी में जातिगत जनगणना का कार्य प्रारंभ कराया था. जातिगत जनगणना की प्रक्रिया दो चरणों में संपादित कराई जानी थी.
इस जनगणना में प्रत्येक परिवार का डेटा संकलित किया जा रहा था. जाति सर्वेक्षण को चुनौती देते के लिए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिसके बाद कई दिनों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया है.
बता दें कि मामले की सुनाई करते हुए एक दिन पहले ही बुधवार को हाईकोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामला की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ कर ने कहा था कि यह फैसला याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान करेगा.
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश ने महाधिवक्ता से पूछा था कि सरकार को यह कराना था तो इसके लिए कोई कानून क्यों नहीं पास किया? इस पर महाधिवक्ता शाही ने जवाब दिया था कि राज्यपाल के अभिभाषण में सारी बातें स्पष्ट की गईं कि इसे किस आधार पर कराया जा रहा है.