रिपोर्ट- अवैस उस्मानी
पेगासस जासूसी मामले में बंगाल सरकार द्वारा बनाए गए जांच आयोग के मामले गठित जस्टिस मदन बी लोकुर की अगुवाई वाले आयोग की कार्रवाई पर रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में बंगाल सरकार और आयोग को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा। मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने बंगाल सरकार से पूछा कि राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग ने कार्यवाही कैसे शुरू कर दी।
याचिकाकर्ता का कहना था कि अक्टूबर में SC की ओर से जांच के लिए पैनल गठित किये जाने के बावजूद ये आयोग काम कर रहा है। बंगाल सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैने आश्वासन दिया था कि आपके फैसले तक आयोग काम नही करेगा लेकिन फैसला आने बाद आयोग ने काम करना शुरू कर दिया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की कार्रवाई पर रोक लगा दी। पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए ममता बनर्जी सरकार ने जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता में आयोग बनाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ ग्लोबल विलेज फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने बंगाल सरकार द्वारा पेगासस जासूसी मामले में गठित जांच आयोग पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल किया था। याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बंगाल सरकार द्वारा गठित आयोग जांच आगे बढ़ा रहा है। जबकि राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया है कि वह जांच आगे नहीं बढ़ाएगी।