नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल, 11 जुलाई को हो सकती है सुनवाई

पैगंबर मोहम्मद विवादित बयान मामले में भाजपा से निष्कासित प्रवक्ता नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई। सुप्रीम कोर्ट में वकील अबु सुहेल ने याचिका दाखिल किया है। याचिका में हेट स्पीच मामले तहसीन पूनावाला के फैसले को लागू करने की मांग की है। याचिका में नूपुर शर्मा मामले में पुलिस से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार किया। याचिकाकर्ता को रजिस्ट्रार के पास जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेंशनिग करने की अनुमति दे दी।

पैगंबर मोहम्मद विवादित बयान मामले में भाजपा से निष्कासित प्रवक्ता नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई।  सुप्रीम कोर्ट में वकील अबु सुहेल ने याचिका दाखिल किया है। याचिका में हेट स्पीच मामले तहसीन पूनावाला के फैसले को लागू करने की मांग की है। याचिका में नूपुर शर्मा मामले में पुलिस से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार किया। याचिकाकर्ता को रजिस्ट्रार के पास जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेंशनिग करने की अनुमति दे दी।

सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा कि नुपूर के खिलाफ देशभर में कई FIR दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किया है। याचिकाकर्ता वकील अबु सुहेल ने आज सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के सामने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग करते हुए मेंश किया। वकील अबु सुहेल ने कहा कि हेट स्पीच का मामला है हमें जल्द सुना जाए।जिसपर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि इस मामले की जल्द सुनवाई की क्या ज़रूरत है आप कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के सामने क्यों मेंशनिंग कर रहे है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जल्द सुनवाई से इंकार करते हुए। याचिकाकर्ता को रजिस्ट्रार के पास जल्द सुनवाई की मांग को लेकर मेंशनिग करने की अनुमति दे दी। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने रजिस्ट्रार के पास जल्द सुनवाई की मांग की। याचिकाकर्ता वकील अबु सुहेल के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर 11 जुलाई को सुनवाई हो सकती है।

इससे पहले बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ देश के 117 प्रबुद्ध लोगों ने खुला बयान जारी करके सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी की आलोचना किया। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के खिलाफ 15 रिटायर्ड जज, 77 रिटायर्ड नोकरशाह, 25 रिटायर्ड आर्मी अधिकारियों ने खुला बयान जारी किया है। नूपुर शर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की टिप्पणियों का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा की गयी टिप्पणी को लेकर जारी बयान में कोर्ट के द्वारा टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण, गैरजरूरी, स्तब्धकारी और कोर्ट की गरिमा के खिलाफ बताया है। बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपने खिलाफ देश के अलग अलग राज्यों में दर्ज मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका दाखिल किया था। जिसकी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उदयपुर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए नूपुर शर्मा ज़िम्मेदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि नूपुर शर्मा के बयान ने पूरे देश में हिंसा भड़का दी है। कोर्ट ने कहा कि देश में जो हो रहा है उन सबके लिए अकेले नूपुर शर्मा ज़िम्मेदार है। नूपुर शर्मा को पूरे देश से माफी मांगनी चहिये।

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